राजधानी के बेउर जेल से कचरा गाड़ी में छिपकर भागा कैदी, तीन घंटे बाद मिला, जेल इंचार्ज समेत 5 सस्पेंड

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Apr 2023 09:20:57 AM IST

राजधानी के बेउर जेल से कचरा गाड़ी में छिपकर भागा कैदी, तीन घंटे बाद मिला, जेल इंचार्ज समेत 5 सस्पेंड

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PATNA : पटना के बेउर जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां शराब मामले में बंद एक कैदी कचरे के ढेर में छिप कर जेल से निकल गया। जेल में मौजूद  जेलर, हवलदार समेत पुलिसकर्मियों  ने इसकी जानकारी बेउर थाने की पुलिस को नहीं दी। इतना ही नहीं इस बात की भनक  जेल अधीक्षक को भी काफी देर बाद लगी। बेउर जेल में मौके पर मौजूद अफसर और कर्मी ने काफी देर तक मामले को दबाए रखा और कैदी की तलाश में जुट गए। करीब तीन घंटे बाद कैदी  बेउर जेल मेन रोड पर बीएसएपी क्वार्टर के समीप झाड़ियों में छिपा मिला। इसके बाद उसे जेल में लाया गया। इसके बाद इस मामले की भनक जेल अधीक्षक को लगी। इसके बाद इनके द्वारा  जेलर, हवलदार समेत चार पुलिसकर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।


वहीं, गेट वार्डन, तलाशी में लगे सिपाही, जेल इंचार्ज, वार्ड प्रभारी (जिस वार्ड में कैदी  रहता था) समेत पांच को निलंबित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि  गिनती में एक कैदी कम मिला, जिसके बाद उसकी खोज शुरू हुई। जेल प्रशासन ने साढ़े नौ बजे तक गिनती रिपोर्ट नहीं तैयार की थी। इस कैदी का नाम महेंद्र बताया जा रहा है। इसके विरुद्ध बेउर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।


बताया जा रहा है कि, महेंद्र वार्ड से किसी तरह निकलने में सफल हो गया इस बात की जानकारी फिलहाल किसी को नहीं लगी है।  इस मामले में बाकी के कैदियों से पड़ताल की जा रही है। सबका यही कहना है कि, वह पहरेदारों की नजरों से बचते हुए कचरे के ढेर के पास जाकर छिप गया। जहां वह छिपा था, वहां रूमाल रख कर भी कोई व्यक्ति ज्यादा देर तक खड़ा नहीं रह सकता। हालांकि, महेंद्र ने वहां काफी देर तक जेल से भागने के फिराक में बैठा रहा और जब कचरा उठाने वाला ट्रैक्टर जेल परिसर में आया तो महेंद्र उसी में सवार हो गया और कचरे के अंदर छिप कर बैठ गया।  वह बीएसएपी क्वार्टर के समीप झाड़ियों में छिपकर आगे भागने का मौका देखने लगा। 


आपको बताते चलें कि, कुछ महीने पहले फुलवारीशरीफ एसडीपीओ मनीष कुमार ने जेल में प्रवेश करने के उपरांत कैदी वाहन की औचक जांच की थी, जिसमें भारी मात्रा में नशीले पदार्थ, मोबाइल और चार्जर बरामद हुए थे। इस मामले में आधा दर्जन सिपाहियों पर कार्रवाई हुई थी। बेउर जेल में बंद अपराधियों की कई कांडों में भूमिका सामने आ चुकी है। वहां धड़ल्ले से मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके भी प्रमाण मिल चुके हैं।