EAST CHAMPARAN: पूर्वी चंपारण के चकिया-केसरिया के पास जानकीपुर में 'विराट रामायण मंदिर' बन रहा है। यह बिहार का सबसे भव्य मंदिर होने के साथ ही देश के सबसे बड़े मंदिरों में एक होगा। मंदिर की खास बात इसकी ऊंचाई है। यह 270 फीट ऊंचा, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इस मंदिर के निर्माण में एक मुस्लिम परिवार ने मिसाल पेश की है। इश्तियाक अहमद खान ने अपना 23 कट्ठा जमीन दान कर दिया है। जिसकी कीमत ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा बतायी जा रही है।
दुनियां का सबसे बड़ा रामायण मंदिर पूर्वी चंपारण के जानकीपुर में बन रहा है। इस मंदिर के निर्माण में एक मुस्लिम परिवार ने मिसाल पेश की है । इश्तियाक अहमद खान ने ढाई करोड़ से अधिक की कीमत की 23 कट्ठा जमीन मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिया है। केसरिया निबंधन कार्यालय में जमीन का पेपर भी तैयार कर दानपत्र हुआ। वही इश्तियाक अहमद खान निर्माण समिति के सदस्य बनाए जाएंगे।
विराट रामायण मंदिर का भूमि पूजन 21 जून 2012 को गुजरात के आर्किटेक्ट पियूष भाई सोमपुरा व आचार्य किशोर कुणाल ने किया था। जिसका सीमांकन 25 दिसम्बर 2020 को किया गया। तभी से मंदिर निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज हो गई थीं। इस मंदिर के निर्माण को लेकर चर्चा थी कि यह कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर के तर्ज पर बनेगा। जिसको लेकर वहां के प्रधानमंत्री के निर्देश पर राजदूत हुनहान ने मंदिर निर्माण स्थल का दौरा भी किया था। इस मंदिर कार्य का शुभारंभ अक्टूबर में होने से इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा। इस मंदिर में ग्यारह शिखर होंगे।
मुख्य मंदिर की ऊंचाई लगभग दो सौ सत्तर फीट, लंबाई एक हजार अस्सी फीट व चौड़ाई पांच सौ चालीस फीट होगी। मंदिर में काले ग्रेनाइट पत्थर का बना तैंतीस फीट ऊंचे शिवलिंग की स्थापना होगी। जलाभिषेक के लिये चालीस फीट ऊंचा छत बनेगा। पूजा मंडप बनेगा जिसमें पच्चीस हजार लोग एक साथ पूजा कर सकेंगे। मंदिर निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय व नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी मिल चुका है।
इस मंदिर में देश के विभिन्न की झलक मिलेगी। अब मंदिर निर्माण में सारी बाधाएं दूर हो जाने से क्षेत्र के लोगों में खुशी है। प्रस्तावित मंदिर में विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित होगी। जिसमें मुख्य आराध्य भगवान राम सीता होंगे। इसका विश्व की सबसे ऊंचे शिखर वाली मंदिर में सुमार होगा। यह विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक संरचना होगी।
इस मंदिर को 'टेंपल ऑफ टावर्स' के नाम से जाना जाएगा। इसके आसपास 13 मंदिर बनाए जा रहे हैं और सब ऊंचे शिखर वाले मंदिर हैं। बगल के जो 4 मंदिर हैं, वो 180 फीट ऊंचे हैं। साथ ही मंदिर में दुनिया के सबसे विशाल शिवलिंग की स्थापना की जा रही है, जो 33 फीट ऊंचा है। इसकी गोलाई भी 33 फीट ही है। इसमें 3 सीढ़ियां और 4 लिफ्ट होंगे, जिससे भक्त ऊपर जाकर आराम से जल चढ़ा सकेंगे।