PATNA: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बुधवार को पूर्व सांसद आरके सिन्हा की लिखी दो पुस्तक कोरोना का प्रलयकाल एवं विश्व पटल पर अपना देश का विमोचन किया। राजभवन के दरबार हाल में आयोजित विमोचन समारोह में राज्यपाल ने आरके सिन्हा की पहल की प्रशंसा की। पुस्तक में कोरोना काल के दौरान समय-समय लिखित आलेखों को संग्रहित किया गया है।
बता दें कि आरके सिन्हा मूलतः पत्रकार रहे हैं। कार्यक्रम के शुभारंभ में सिन्हा ने विस्तार से दोनों पुस्तक में प्रकाशित अंश की जानकारी राज्यपाल से साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे 60 से 70 के दशक में पटना में सक्रिय पत्रकारिता काल से लेकर 1974 में जेपी आंदोलन के दौरान राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में चले आए। इससे पहले सिन्हा की लिखी पुस्तक बेलाग लपेट विशेष रूप से बेबाक टिप्पणियों के लिए चर्चित हुई थी।
आरके सिन्हा की दो अंग्रेजी पुस्तक मी एंड माई गुरु तथा बाई द वे भी चर्चित हैं। कोरोना का प्रलयकाल पुस्तक में सिन्हा ने भारत को भारत के नजरिए से समझने का प्रयास किया है। वहीं, कई देशों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराकर वैश्विक स्तर पर कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह भारत का नाम रौशन किया इस पर भी विस्तार से पुस्तक में बताया है।
विश्व पटल पर अपना देश पुस्तक में सिन्हा ने देश चिंतन का रूप राजनीति, समाज, संस्कृति, धर्म, व्यवसाय, विदेश नीति, भाषा में दिखाई पड़ता है। राज्यपाल ने विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनभागीदारी के जरिए कोरोना के कहर से निपटने के लिए की गई पहल की लोगों का ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों की सहभागिता एवं सहयोग से भारत में कोरोना महामारी को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया गया। जी-20 के विभिन्न कार्यक्रमों से भी सभी देशवासी जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र बनकर हम टीबी रोगियों की मदद कर उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के अनुरूप हमारे व्यवहार, विचार एवं कार्य भी होने चाहिए। उन्होंने पुस्तक पढ़ने की संस्कृति विकसित करने पर बल देते हुए कहा कि हमें बच्चों में इसके प्रति रूचि जागृत करनी चाहिए। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा और कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।