ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला

पूर्व मंत्री को पटना जिला प्रशासन ने घर से निकाला, अफसरों के सामने गिड़गिड़ाते रह गए

1st Bihar Published by: Updated Fri, 12 Feb 2021 06:16:08 PM IST

पूर्व मंत्री को पटना जिला प्रशासन ने घर से निकाला, अफसरों के सामने गिड़गिड़ाते रह गए

- फ़ोटो

PATNA : पटना जिला प्रशासन शुक्रवार को आखिरकार समाजवादी नेता और पूर्व मंत्री रामदेव यादव को घर से निकालने में सफल रहा. पूर्व मंत्री रामदेव यादव राजधानी पटना के एसके नगर रोड नंबर 21 में पिछले ढाई दशक से रहते थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए पटना जिला प्रशासन ने बेघर कर दिया.


पूर्व मंत्री रामदेव यादव एसके नगर रोड नंबर 21 स्थित 4 मंजिला मकान में साल 1994 से रहते थे. पूर्व मंत्री को बिहार राज्य आवास बोर्ड ने 1991 में तीन कट्ठा का प्लॉट आवंटित किया था. इस मकान में उनके साथ 7 किरायेदार भी रहते थें, जिन्हें प्रशासन ने रूम खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इन्हें हटाया जा रहा है.


पूर्व मंत्री रामदेव यादव ने कहा कि "मेरे साथ अन्याय हो रहा है. मैंने ऋण लेकर मकान बनाया है. उन्होंने कहा कि मेरे नाम पर जमीन आवंटन हुआ था. पटना उच्च न्यायालय में स्टे लगाने की याचिका दी गई थी, इमरजेंसी नहीं होने के कारण न्यायालय स्वीकार नहीं किया. इस बीच जिला प्रशासन गलत तरीके से जबरन मकान खाली करा रहा है. अब वृद्धावस्था में कहां जाएंगे."


कार्रवाई के दौरान उदास पूर्व मंत्री मकान खाली होते देखते रहे. उनके पुत्र देवाशीष यादव ने प्रशासन से विनती की मगर किसी की एक न सुनी गई. पटना सदर अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि न्यायालय के निर्देश के आलोक में मकान खाली कराया जा रहा है. बिहार राज्य आवास बोर्ड को हैंड ओवर करने जा रहा हूं. मुझे मकान खाली कराकर आवास बोर्ड को सौंपने का निर्देश मिला है.


बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से 1991 में जमीन आवंटित होने के बाद पूर्व मंत्री ने मिनिस्टर रहते इस मकान का निर्माण कराया था. 20 साल बाद 2011 में आवास बोर्ड ने रामदेव यादव के आवंटन को रद कर दिया. जिसके बाद पार्वती ओझा की ओर से रामदेव यादव के नाम पर जमीन आवंटित होने के बाद आवास बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई थी. न्याय नहीं मिलने पर पार्वती पटना उच्च न्यायालय, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक गईं. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में निर्देश दिया कि जमीन पार्वती ओझा को उपलब्ध कराई जाए.