ब्रेकिंग न्यूज़

MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल

BIHAR NEWS : पूर्व DGP डीपी ओझा का निधन, अपने कार्यकाल में बढ़ाई थी लालू और शहाबुद्दीन की टेंशन

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 06 Dec 2024 11:28:58 AM IST

BIHAR NEWS : पूर्व DGP डीपी ओझा का निधन, अपने कार्यकाल में बढ़ाई थी लालू और शहाबुद्दीन की टेंशन

- फ़ोटो

BIHAR : बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीपी ओझा का निधन हो गया। डीजीपी कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और सीवान के सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की नाक में दम कर देने वाले ओझा कुछ समय से बीमार चल रहे थे। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित ओझा भारतीय पुलिस सेवा की नौकरी से वीआरएस लेने के बाद से पटना में ही रह रहे थे।


मालूम हो कि चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले (आरसी 64/1996 ) में सीबीआई के विशेष जज प्रदीप कुमार ने साल 2017 में बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने सीबीआई के जांच अधिकारी से कहा कि ओझा को गिरफ्तार कर सात फरवरी को कोर्ट में पेश करें। 


कोर्ट ने 23 दिसंबर को देवघर के तत्कालीन डीसी सुखदेव सिंह और डीपी ओझा को आरोपी बनाकर अलग से मामले की सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया था। दोनों को कोर्ट में पेश होने को कहा था। सुखदेव सिंह हाईकोर्ट चले गए, जहां से उन्हें राहत मिल गई थी। पर डीपी ओझा कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। हालांकि  बाद में इस मामले में उन्हें राहत भी मिली थी। 


पूर्व डीजीपी डीपी ओझा की शख्सियत तब भी राजनीति से जुड़ी हुई थी जब वह पुलिस सेवा में थे। वैचारिक रूप से वह वाम दल की आइडियोलॉजी के साथ थे। उनकी पुलिसिया शख्सियत को तब काफी नाम मिला जब उन्होंने तत्कालीन राजनीत के सिरमौर लालू प्रसाद के एक नहीं सुनते मो. शहाबुद्दीन के खिलाफ मोर्चा खोला और उनके लिए जेल का दरवाजा खोला।


नतीजतन लालू प्रसाद यादव से जो करीबी थी वह भी टूटी और उन्हें लालू प्रसाद का कोपभाजन बनना पड़ा। दो माह पहले ही उन्हें डीजीपी के पद से हटा दिया। उस दौर में लालू यादव रैलियों में कहा करते थे कि हमने डीपी ओझा का बोझा बांध दिया है। ओझा 1967 बैच के आईपीएस थे और 1 फरवरी 2003 को डीजीपी का पदभार ग्रहण किया था। बहरहाल, शहबुद्दीन प्रकरण से चर्चा में आए डीपी ओझा ने महत्वाकांक्षा की उड़ान की डोर थामते बेगुसराय से निर्दलीय चुनाव लड़े और बुरी तरह हारे।