PURNEA : समाज सुधार अभियान के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पूर्णिया में हैं. यहां उन्होंने जीविका दीदीयों से संवाद स्थापित किया. जीविका दीदीयों की बातें सीएम नीतीश ने बड़े ध्यान से सुनी. इसके बाद डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद, विभागीय मंत्री और अधिकारियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने जनता को संबोधित किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना के कारण अभियान में ब्रेक आया था. अब समाज सुधार यात्रा फिर से शुरु किया है. कोरोना को लेकर स्थिति अब नियंत्रित है. अब पाबंदी नहीं है. जो डाटा सामने आ रहा है उससे लगता है कि जल्द मुक्ति भी मिलेगी. कल समाज सुधार अभियान का समापन है, लेकिन वास्तविक में अब इसे गति देने का समय है. उन्होंने कहा कि दीदियों ने जिस तरह अपनी बातें रखी, अपनी कठिनाइयों को शेयर किया व वर्तमन स्थिति को बयां किया, वह सराहनीय है.
शराब पकड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. कौन गड़बड़ कर रहा है सब पता चल जाता है. एक काम भी नहीं छोड़ेंगे सब काम कर रहे हैं. लोगों की आमदनी बढ़ रही है. हम लोग गरीब राज्य हैं लेकिन हम लोग मेहनत करके आगे बढ़ रहे हैं. कुछ लोग समाज में इधर उधर जाट पात करके विवाद पैदा करता है. वोट किसी को दे हम सबके लिए काम करते हैं. समाज के हर वर्ग के लिए काम करते हैं. समाज में सुधार प्रेम भाईचारे का वातावरण बना रहे इसलिए ये अभियान चलता रहे.
पूर्णिया में नीतीश कुमार ने फिर दोहराया कि महिलाओं के आग्रह पर शराबबंदी लागू की. कर्पूरी ठाकुर ने भी लागू की थी, लेकिन दो साल में हटा दिया गया था. 2015 में पटना में आयोजित जीविका दीदी के कार्यक्रम में महिलाओं के आग्रह पर मैंने घोषणा की थी. 2016 में यह कानून लागू हुआ. काफी मंथन के बाद कानून लागू किया. प्रथम फेज में बड़े शहर को इसे अलग रखा गया था, लेकिन महिलाओं के विरोध के चलते बड़े शहर में भी बंद करना पड़ा.
2005 से आपकी सेवा कर रहे हैं. शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल था. बच्चियां नहीं पढ पाती थी. विकास हुआ, कानून का राज हुआ. लड़कियों की शिक्षा के लिए कार्य हुआ है. पोशाक, साइकिल योजना, लागू की. महिलाओं के लिए कार्य किया है. पंचायत में आरक्षण दिया. सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया. स्वयं सहायता समुह के जरिये महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया. जीविका का गठनकर कार्य किया. पुलिस विभाग में पैंतीस फीसद महिलाएं हैं. यह और कहीं नहीं है. इंजीनियरिंग कालेज मेडिकल कालेज में सीट आरक्षित कर लड़कियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के दुष्प्रभाव बताते हुए कहा कि कम उम्र में गर्भ धारण करने से लड़कियों के सामने कई समस्या पैदा होती है. कम उम्र में शादी करने से बच्चे बौने और मंद्बुधि होते हैं. दहेज़ नवविवाहितों को कितना परेशान करता है. कितनी हत्याएं आत्म हत्या होती है. जो लोग दहेज़ लेते हैं कितना बुरा काम करते हैं. क्या लड़का लड़का मिलकर बच्चा पैदा कर सकता है. कोई दहेज़ लेता है तो उसकी शादी में मत जाइये. तभी इससे मुक्ति मिलेगी. सब के लिए कानून बना है पर कुछ लोग गड़बड़ी तो करता है इसलिए सजग रहना पड़ेगा. इसीलिए ये अभियान निरंतर चलाना पड़ेगा.