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DESK: झारखंड के जमशेदपुर में एक वीडियो के वायरल होने से हड़कंप मचा हुआ है। दरअसलं एक प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक ने स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि मेरे अस्पताल में 8 मरीज एडमिट हैं उनका लिहाज करते हुए चुप रहा...वरना ऐसे मंत्री और अधिकारियों को कूट कर रख देता।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को यह शिकायत मिली थी कि आदित्यपुर स्थित ट्रिपल-वन सेव लाइफ अस्पताल में मरीजों से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने टीम को जांच के लिए भेजा। सरायकेला के खरसावां के सिविल सर्जन डॉ. वारियल मार्डी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम डॉ. ओपी आनंद के अस्पताल की जांच के लिए पहुंचे तभी इस दौरान अस्पताल में कई खामियां मिली। अस्पताल प्रबंधन ने भी जांच टीम का सहयोग नहीं किया उल्टे जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए।
इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने अपना अड़ियल रवैय्या भी दिखाया। मीडिया से बातचीत करते हुए अस्पताल के मालिक डा.आनंद ने स्वास्थ्य मंत्री और जांच टीम पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि मरीजों का लिहाज किया वरना ऐसे अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटता। ऐसे मंत्री व ऐसे अधिकारियों को मैं कूट-कूट कर रख देता। मंत्री को भी कूटुंगा। आखिर किस आधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं और आक्सीजन के दाम तय किए हैं। मैं सरकार के किसी नियम को नहीं मानता।
हालांकि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है। ऐसा मामला शायद पहली बार सामने आया है जब किसी अस्पताल के संचालक ने स्वास्थ्य विभाग और विभागीय मंत्री को इस तरह से चुनौती दी गयी है।