DESK: कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी और सरमा से 30 अक्टूबर की शाम तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।
बता दें कि राजस्थान के दौसा में प्रियंका गांधी ने कहा था कि मैंने टीवी पर देखा पता नहीं सच है या नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवनारायण जी के मंदिर में शायद गये थे। उन्होंने मंदिर के दान पेटी में एक लिफाफा डाला था। मैंने टीवी पर देखा कि 6 महीने के बाद पीएम मोदी के दान किये गये लिफाफे को जब खोला गया तो उसमें 21 रुपये मिले। एक तरह से यही हो रहा है। देश में मंच पर खड़े होकर कैसे-कैसे लिफाफे दिखाएं जा रहे हैं। जब आप उन लिफाफे को खोलते हैं तो चुनाव खत्म हो जाता हैं।
प्रियंका गांधी के इस बयान को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की और प्रियंका गांधी के भाषण का वीडियो भी उपलब्ध कराया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए सवाल किया कि क्या प्रियंका गांधी आचार संहिता से ऊपर हैं? धार्मिक भावनाओं से झूठ नहीं फैला सकते। धार्मिक भावनाओं से प्रचार भी नहीं किया जा सकता।
वही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भी चुनाव आयोग ने कथित चुनाव आचार संहिता उल्लंघन को लेकर नोटिस भेजा है। हिमंत बिस्वा सरमा ने छत्तीसगढ़ में एक चुनाव प्रचार के दौरान एकमात्र मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधा था। 18 अक्टूबर को कवर्धा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कथित तौर पर अकबर पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। दोनों नेताओं को चुनाव आयोग ने कारण बताओं नोटिस भेजा है। इस नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।