'प्रेजेंट सर ... ' जिम्मेवारी मिलते ही एक्शन में IAS पाठक, अब टीचरों की नहीं चलेगी मनमर्जी ; हर दिन vc से देनी होगी हाजरी

'प्रेजेंट सर ... ' जिम्मेवारी मिलते ही एक्शन में IAS पाठक, अब टीचरों की नहीं चलेगी मनमर्जी ; हर दिन vc से देनी होगी हाजरी

PATNA : बिहार में शिक्षा सुधारने की जिम्मेवारी कड़क आईएएस ऑफिसर के के पाठक को दे दी गई है। जिम्मेदारी संभालते ही के के पाठक भी एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। पाठक ने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालते ही बड़ा निर्देश जारी किया है।


दरअसल, शिक्षा विभाग की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है कि राज्य के सभी शिक्षक अब हर रोज शिक्षा विभाग को यह बताएंगे कि वह अपने स्कूल,  कॉलेज और यूनिवर्सिटी में उपस्थित हैं। इसको लेकर एक स्पेशल सेल बनाया जाएगा। इसके साथ ही साथ शिक्षा विभाग के विभागीय कार्यालय जिला और प्रखंड स्तर के सभी कार्यालय अब शनिवार को भी खुलेंगे। हालांकि, इसको  लेकर अभी कोई आधिकारिक लेटर नहीं जारी किया गया है।


शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केके पाठक ने गुरुवार को कार्यभार संभालते ही निदेशालयों पदाधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठक की। पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि - प्रथम फेज में स्कूलों में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति पर फोकस होकर निरीक्षण करना है। दूसरे फेज में स्कूलों में पढ़ाई की जांच की जाएगी। इसके निरिक्षण के लिए अधिकारियों को वाहन भी मुहैया करवाया जायगा। 


इसके साथ ही डीईओ ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी की उपस्थिति सुबह 9:30 बजे और शाम 6:00 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग से ली जाएगी। इसके साथ ही हररोज कितने स्कूलों में निरिक्षण किया गया , कहां कितने टीचर पेरजेंट मिलें, बिना कोई आवेदन के कितने बच्चे गायब थे, स्कूलों में मिड डे मिल बना या नहीं, इन सभी बातों की जानकारी अपर मुख्य सचिव खुद डीईओ या डीपीओ से लेंगे। 


आपको बताते चलें कि, इससे पहले भी जब के.के. पाठक 2009 में शिक्षा विभाग के सचिव थे तो उन्होंने कॉलेजों, यूनिवर्सिटी के टीचर की उपस्थिति जांचने के लिए विभाग की मोनेटरिंग सेल बनवायी थी। इसके तरह हर दिन कॉलेजों से दो समय हजारी ली जाती थी। पाठक 28 जुलाई 2009 को लेकर 4 अक्टूबर 2010 तक शिक्षा विभाग के सचिव थे।