PATNA: बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने फर्स्ट बिहार से बातचीत में कहा कि बिहार आने वाले प्रवासी मजदूरों को काम को लेकर बाहर जाने की जरूरत नहीं है. सभी प्रवासी मजदूरों को बिहार में ही काम दिया जाएगा. प्रवासी मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत काम दिया जा रहा है.
श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार सरकार जल जीवन हरियाली योजना चलाने वाला बिहार पहला राज्य हैं. इस योजना के तहत पौधा रोपण हो रहा है. नीतीश कुमार पहली बार जब सीएम बने थे उस दौरान 9 प्रतिशत वन क्षेत्र था, अब 15 प्रतिशत हो गया है. इसको 17 प्रतिशत किया जाना है. बिहार में एक करोड़ 48 लाख जॉक कार्ड है. जो काम मांग रहे हैं. इनको काम दिया जा रहा है. जो मजदूर काम मांगेंगे उनको हम काम देते रहेंगे. इस योजना को चलाने के लिए मुखियाा अधिकृत है. बिहार सरकार नई योजना चलाकर मजदूरों को जोड़ रही है. जल जीवन हरियाली योजना को लेकर सीएम ने कई दलों के नेताओं से बात की थी. 2019 में 42 लाख 27 हजार, 2020 में 45 लाख 41 हजार और इस साल 50 लाख पौधा लगाने का लक्ष्य है. इस वित्तिय वर्ष में दो करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
50 हजार मजदूरों को मिलेगा 5 साल काम
श्रवण कुमार ने कहा कि मनरेगा से सिर्फ पौधा रोपण में 50 हजार मजदूरों को काम 5 साल तक मिलेगा. 5 साल तक तीन दिन पर 194 रुपए के हिसाब से उनको भुगतान होगा. अगर किसान अपने खेत में पौधा लगाएंगे तो एक आदमी को तीन दिन पर 194 रुपए के हिसाब से वन पोषक के रूप में पैसा देंगे. श्रवण कुमार ने कोरोना संकट के बीच बिहार के जनप्रतिनिधियों ने पार्टी और दल से उपर उठकर जरूरमदों की मदद की.
श्रवण कुमार ने कहा कि मनरेगा योजना किसी पार्टी की नहीं हो सकती है. हमको मौका मिला और मैंने इस योजना को चलाया. बिहार में इतना अच्छा काम हुआ कि कई बार बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. कई योजनाओं को दूसरे राज्यों ने अपनाया है. इन सभी योजनाओं पर हमारे सीएम की नजर रहती है. हमलोग काम को लेकर नजीर पेश करते हैं. यही कारण है कि कई योजनाओं पर केंद्र पूरे देश में लागू करता है.