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Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी

Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर उल्लंघन में बिहार के एक और लाल शहीद हो गए हैं.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 13 May 2025 06:34:33 PM IST

Operation Sindoor

शहादत को सलाम - फ़ोटो reporter

Operation Sindoor: पाकिस्तानी सेना की तरफ से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। बिहार के सीवान जिले के रहने वाले आर्मी जवान रामबाबू कुमार सिंह सोमवार की देर शाम शहीद हो गए। 

बीते सोमवार को दिन करीब डेढ़ बजे पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में रामबाबू सिंह को गोली लग गई थी। जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार की देर शाम उनके शहादत की खबर परिवार और गांव के लोगों को मिली। इसकी जानकारी मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया वहीं गांव में सन्नाटा पसर गया है।

शहीद जवान रामबाबू सिंह सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के हरिहरपुर पंचायत के वसिलपुर गांव के निवासी थे। उनके पिता का नाम स्व. रामविचार सिंह है, जो बड़हरिया प्रखंड के हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया रह चुके थे। वही उनके एक भाई अखलेश सिंह झारखंड हजारीबाग में लोगो पायलट के पद पर कार्यरत हैं जबकि उनकी पत्नी झारखंड के धनबाद में रहती हैं।

शहीद जवान रामबाबू सिंह के ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि उनके दामाद 10 अप्रैल को उन्होंने जम्मू कश्मीर में अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी। सोमवार के दिन करीब डेढ़ बजे आर्मी हेडक्वार्टर से कॉल आया की गोली लगी हैं। उसके बाद सूचना मिली कि वह शहीद हो गए हैं। उनकी पत्नी अंजलि सिंह को अभी भी उनकी शहादत की जानकारी नहीं दी गई हैं।

शहीद रामबाबू सिंह के ससुर ने बताया कि उनका जोधपुर में पोस्टिंग हो चुका था हालांकि भारत पाकिस्तान के बीच तनातनी के दौरान उनका पोस्टिंग होने के बावजूद उन्हें जम्मू कश्मीर में ही रोक लिया गया। जहां सीजफायर उल्लंघन के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि कल दिन में 10 बजे के करीब रामबाबू सिंह की उनकी पत्नी अंजलि से बातचीत हुई, उस समय वो ठीक थे।

शहीद जवान रामबाबू सिंह की शादी करीब 4 महीने पूर्व ही हुई थी। शादी के 4 महीने के बाद ही वे शहादत को प्राप्त हुए। गांव के लोग उनके शव आने का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कल शाम तक उनका शव गांव पहुंचने की संभावना है। परिजनों ने बताया कि रामबाबू बचपन से ही देशभक्त के जज्बे से भरे हुए थे। वे आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे थे और उनकी पोस्टिंग इन दोनों जम्मू कश्मीर में थी।