PATNA: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुद्दा-विहीन विपक्ष यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछड़ी जाति और उनके माता-पिता की गरीबी का मजाक उड़ा रहा है। उनमें सरकार के कल्याणकारी फैसलों पर बात करने की हिम्मत नहीं। जो लोग नौ साल बाद प्रधानमंत्री मोदी की जाति पूछ रहे हैं, उन्होंने कभी राहुल गांधी की जाति क्यों नहीं पूछी?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़े समाज के चरण सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में संसद का मुँह नहीं देखने दिया और एचडी देवगौड़ा की सरकार मात्र 11 महीने में गिरा दी। अब कांग्रेस की गोद में बैठे जदयू-राजद जैसे क्षेत्रीय दल भी पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेंद्र मोदी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि पिछड़े समाज से पहली बार कोई ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री बना है, जो कांग्रेस की कृपा पर निर्भर नहीं है और जो 9 साल से बिना एक दिन की भी छुट्टी लिए पिछड़े, अतिपिछड़े और दलित समुदाय के करोड़ों गरीबों के लिए काम कर रहा है। क्या इस पर बात नहीं होनी चाहिए?
उन्होंने कहा कि जिस प्रधानमंत्री ने दुनिया में भारत का मान बढाया, उसे उसकी जाति के कारण अपमानित करने के लिए पूछा रहा है कि उनकी माँ किसके घर बर्तन धोती थी और पिता किस स्टेशन पर चाय बेचते थे? क्या कोई राहुल गाँधी की माँ के अतीत पर चर्चा करता है?
उन्होंने कहा कि देश का पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज 2024 के संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के अपमान का बदला लेगा और ओछी बातें करने वालों को सबक सिखायेगा। राजद और जदयू यह सोच कर हताश है कि मोदी के विरुद्ध जाने पर 2014 और 2019 में इनका क्या हस्र हुआ था।
सुशील मोदी ने कहा कि जदयू को 2014 में लोकसभा की दो सीट मिली थी और 2019 में राजद का खाता नहीं खुला। बिहार के पिछड़े-अतिपिछड़े समाज ने एकजुट होकर पीएम नरेंद्र मोदी का साथ दिया। 2024 में यह समर्थन और बढेगा। यही उनकी हताशा का कारण है।