PATNA: उपेंद्र कुशवाहा के एमएलसी पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई विधान परिषद की एक सीट पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे डॉ. राजवर्धन आजाद को एमएलसी मनोनीत किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुशंसा पर राज्यपाल ने डॉ. राजवर्धन आजाद का मनोनयन पिछले दिनों किया था। अब इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है।
राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा ने कुशवाहा पार्षद के द्वारा खाली की गयी सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार मनोनीत किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज किया है और जेडीयू के पुराने साथियों को आगाह किया है। कुशवाहा ने कहा है कि जेडीयू में जो लोग उन्हें अपने रास्ते का कांटा समझते थे अब उनका भ्रम टूट गया होगा। कुशवाहा जाति की सीट पर ब्राह्मण नेता को एमएलसी बनाने पर उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोध बताया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पर लिखा कि, ‘बिहार विधान परिषद की सदस्यता से मेरे इस्तीफा के कारण रिक्त पद पर नये मनोनयन के बाद संभवतः जदयू के मेरे उन मित्रों का भ्रम टूट ही गया होगा जिनको ग़लत फहमी हो रही थी कि उपेंद्र कुशवाहा के कारण उनकी हकमारी हो गई या हो रही थी। अब क्या हुआ ? अब तो उपेंद्र कुशवाहा आपके रास्ते में बाधक नहीं था। फिर कहां अटक गया ? आप तो हाथ पसारे रह गये...! अरे भाई, अब तो पूरी भैंसिए (जदयू) गईल पानी (राजद) में। किनारे बैठ कर पानी छप-छपाते रहिए। आपकी मर्जी। यदि आपकी आंखें अभी भी नहीं खुल रही है तो भगवान भला करें। "न समझोगे तो मिट जाओगे, ऐ मेरे मित्रों। तेरी दास्तां तक न होगी दास्तानों में।"
इस ट्वीट के जरिए कुशवाहा ने जेडीयू के उन नेताओ पर हमला बोला है जो उन्हें अपने रास्ते में सबसे बड़ा बाधक समझते थे और किसी न किसी तरह से उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी मे साइड लाइन करने के काम में लगे रहते थे। इसके साथ ही साथ उन्होंने जेडीयू के अपने पुराने साथियों को भी आगाह कर दिया है कि जेडीयू की कमान अब आरजेडी के हाथों में चली गई है और उन्हें जेडीयू से अब कुछ हासिल नहीं होने वाला है। अब उनकी आंखे नहीं खुल रही हैं तो भगवान ही मालिक है।