MUZAFFARPUR: दो कुख्यात अपराधियों की 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी जब्त, कोर्ट का सख्त आदेश मधुबनी में दो सगे भाईयों की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, बेलगाम ट्रक ने दोनों को रौंदा MUZAFFARPUR: ज्वेलरी शॉप लूटकांड मामले का खुलासा, लूटे गये आभूषण के साथ मां-बेटा गिरफ्तार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के सामने झुक गया पाकिस्तान, रोहित सिंह बोले..देश को अपने प्रधानमंत्री और सेना पर गर्व अरवल में 2 थानेदार का तबादला: मानिकपुर और SC/ST थाने की सौंपी गई जिम्मेदारी GOPALGANJ: गंडक नदी से मिला लापता व्यवसायी का शव, हत्या की आशंका जता रहे परिजन गया में महिला की इलाज के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी India Pakistan Ceasefire: युद्ध विराम पर मुकेश सहनी ने PAK को दी सलाह, कहा..अब पाकिस्तान को आतंकवादियों के सफाए की लड़ाई लड़नी चाहिए
1st Bihar Published by: Updated Sun, 06 Dec 2020 08:16:50 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : अपने गृह क्षेत्र में अतिवादी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI से खुली चुनौती मिलने के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने चुप्पी तोड़ी है. डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के क्षेत्र कटिहार में डीएम और एसपी के दफ्तर के बाहर PFI ने विवादित पोस्टर चिपकाये हैं. स्थानीय प्रशासन ने चुप्पी साध ली है लेकिन आज तारकिशोर प्रसाद ने कार्रवाई का एलान किया.
क्या बोले डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि PFI द्वारा विवादित पोस्टर लगाये जाने का मामला गंभीर है. बिहार सरकार का गृह विभाग और पुलिस इस मामले को देख रही है. इस मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
क्या है पूरा मामला
कटिहार में शनिवार को कई जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर से विवादित पोस्टर लगाए गए थे. इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई थीं. मुसलमानों को कहा गया है कि वे 6 दिसंबर के दिन को भूल न जाएं. इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद की तस्वीर भी थी. पीएफआई ने ऐसे पोस्टर कटिहार समाहरणालय के साथ साथ एसपी कार्यालय और डीएम के दफ्तर के बाहर भी लगाया थी.
प्रशासन ने हाथ और होंठ बंद किया था
PFI ने बिहार के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के गृह क्षेत्र में विवादित पोस्टर लगा कर सीधे उन्हें ही चुनौती दी थी. बाबरी मस्जिद से संबंधित विवादित पोस्टर सीधे डीएम-एसपी के दफ्तर के सामने लगाये गये थे लेकिन प्रशासन का कोई नुमाइंदा कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था. पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने तक की खबर नहीं है.
गौरतलब है कि 6 दिसंबर को ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वहां मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. लेकिन पीएफआई मुसलमानों से उस दिन को नहीं भूलने का आह्वान कर रहा है. जानकार बताते हैं कि हालिया दिनों में पीएफआई ने सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज से लेकर कई और जिलों में अपनी पैठ बढ़ायी है. उसका असर दिखने लगा है.
ED ने की थी छापेमारी
दो दिन पहले ही बिहार के दरभंगा और पूर्णिया में PFI से जुड़े लोगों के घरों और दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने ये छापेमारी CAA, NRC के खिलाफ देश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों में विदेशी फंडिंग को लेकर की गई थी. आरोप ये है कि पीएफआई ने विदेशों से पैसा मंगवा कर CAA, NRC के खिलाफ प्रदर्शन को प्रायोजित किया.
ईडी ने दरभंगा में PFI के जनरल सेक्रेटरी मो. सनाउल्लाह के घर पर छापेमारी की थी. वहीं, पूर्णिया के राजाबाड़ी स्थित PFI के दफ्तर पर भी ED की टीम ने धावा बोला था. इन दोनों जगहों पर PFI के कार्यकर्ताओं ने ED की छापेमारी के दौरान हंगामा किया था. दरभंगा में ED के अधिकारियों की गाड़ी का काफी देर तक घेराव भी किया गया था. पीएफआई समर्थकों ने पूर्णिया में समाहरणालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था.
क्या है पीएफआई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है जिसका गठन 2006 में किया गया था. इस संगठन से दूसरे कट्टरवादी सोच रखने वाले संगठन भी जुड़ते चले गए. मौजूदा वक्त में पीएफआई का असर 16 राज्यों में है और 15 से ज्यादा मुस्लिम संगठन इससे जुड़े हुए हैं. केंद्र सरकार ने जब CAA लागू किया तो देश के कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन हुए. जांच में पाया गया कि इसके पीछे पीएफआई की भूमिका थी, जो विदेश से पैसा मंगवा कर उत्पातियों की फंडिग कर रहा था. उस दौरान यूपी और असम में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल रहने से पहले भी यह संगठन कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है.
झारखंड में प्रतिबंधित है पीएफआई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को पिछले ही साल झारखंड में प्रतिबंधित किया गया था. राज्या सरकार ने इस संगठन के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत के बाद ये फैसला लिया था. इतना ही नहीं, झारखंड सरकार ने ये भी माना था कि पीएफआई एक ऐसा संगठन है जो आतंकवादी संगठन आईएस से प्रभावित है.