PATNA : अब पटना से उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार के अन्य जिलों में जाना और आसान होगा. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा पीपीपी मोड पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लगभग 55 जिलों में आने-जाने के लिए 570 नई नन एसी और एसी बसें चलेंगी. इससे यात्रियों को काफी आसानी होगी. और सबसे खास बात यह कि इसमें चालक मनमानी तरीके से किराया नहीं ले सकेंगे.
परिवहन निगम के पदाधिकारी के मुताबिक, पीपीपी मोड पर चलने वाली बसों का किराया प्राइवेट की तुलना में कम होगा. इतना ही नहीं यात्रियों से मनमानी किराया नहीं वसूला जाएगा. निगम द्वारा संचालित होने वाली बसों में रेट चार्ट के अनुसार यात्रियों से टिकट शुल्क लिया जाएगा. निगम द्वारा तय किराये के अनुसार वाहन मालिक यात्रियों से किराया लेंगे, क्योंकि इन्हें परिवहन निगम ही संचालित करेगा. अगर सरकारी किराया 200 रुपए है तो बस मालिक 220 रुपए नहीं ले सकते हैं.
बता दें कि अभी तक पटना सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने-जाने वाले बसों की संख्या लगभग 750 है. 570 बसें और बढ़ाने के बाद बिहार में परिवहन निगम से संचालित होने वाली बसों की संख्या लगभग 1320 हो जाएगी. अगले साल फ़रवरी माह से यह सेवा शुरू कर दी जाएगी.
पटना सहित प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में आने-जाने के लिए बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है. 570 में पटना से समस्तीपुर, पूर्णिया, सिकन्दरा, जमुई, नवादा, सासाराम, गया, टाटा, गुमला, देवघर, रांची, हजारीबाग, वाराणसी, गोरखपुर, देवरिया, बलिया सहित अन्य जिलों के लिए लगभग 250 बसें दी जाएंगी.
बस परिचालन करने के लिए लगभग 150 से अधिक बस मालिक बिहार राज्य पथ परिवहन निगम को अपना कोटेशन दे चुके हैं. ये सभी बस मालिक बसों को चलाने के लिए इच्छुक हैं. परिवहन विभाग के पदाधिकारी के मुताबिक, वैसे बस मालिक जो बस चलाने के लिए इच्छुक है, वह निगम के पास दस्तावेज भेज चुके हैं. अगले सप्ताह में स्क्रूटनी करके 25 दिसंबर तक निगम और बस मालिक के बीच एग्रीमेंट होगा.