ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के गैंग का खुलासा, MP में बैंक से करोड़ों की लूट, STF ने पकड़े दो आरोपी Asia Cup T20 में इस बल्लेबाज के नाम है सबसे बेहतरीन औसत, लिस्ट में केवल एक भारतीय शामिल Voter Rights Yatra: इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता आज शामिल होंगे वोटर यात्रा के अंतिम चरण में, जानें... क्या है कांग्रेस- RJD का प्लान? Bihar Weather: आज बिहार के इन जिलों में होगी वर्षा, IMD का अलर्ट जारी Bihar News: बिहार में बाढ़ राहत की राशि को मृतकों के खातों में भेजी गई, सूची में भारी गड़बड़ी का आरोप Patna News: वोटर अधिकार यात्रा को लेकर पटना में ट्रैफिक डायवर्जन और स्कूल बंद, जानें... पूरी डिटेल BIHAR: मुखिया प्रतिनिधि की स्कॉर्पियो पर फायरिंग, बाल-बाल बचे 7 लोग पूर्णिया के 7 वर्षीय वेदांत ने रचा इतिहास, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम Most Dangerous Batsman: सुरेश रैना के अनुसार ये हैं दुनिया के 3 सबसे खतरनाक T20 बल्लेबाज, बिहारी बाबू के लिए बोल गए विशेष बात India Submarine Deals: समुद्र में ताकत बढ़ाने के लिए पनडुब्बी के 2 बड़े सौदे करने चला भारत, ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च

प्राकृतिक आपदा के चलते डूबा पटना, मेयर सीता साहू का अजीबो गरीब बयान, कहा- क्यों दें इस्तीफा

1st Bihar Published by: Updated Fri, 04 Oct 2019 07:33:01 PM IST

प्राकृतिक आपदा के चलते डूबा पटना, मेयर सीता साहू का अजीबो गरीब बयान, कहा- क्यों दें इस्तीफा

- फ़ोटो

PATNA: राजधानी पटना के कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं. लोगों को न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही खाने को भोजन. निचले इलाकों में अभी भी घरों में पानी भरा हुआ है. कुछ इलाकों में महामारी के फैलने की भी खबर है. लोगों को इस आपदा के सात दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद भी राहत नहीं मिल पायी है लेकिन राजधानी को संवारने वाले और लोगों को जिंदगी को बेहतर बनाने का दावा करने वाले लोग इसे महज प्राकृतिक आपदा बताकर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं.

सीता साहू ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला

करोड़ों की लागत से राजधानी पटना को संवारने का दावा करने वाला नगर निगम इसे प्राकृतिक आपदा बताकर पल्ला झाड़ रहा है. पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू इस आपदा के लिए बुडको को जिम्मेदार ठहरा रही हैं और कहती हैं कि वो इस्तीफा क्यों देंगी. पटना की मेयर सीता साहू का जब आप तर्क सुनेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे. मीडिया के सवालों का जवाब देने के दौरान सीता साहू अपनी जिम्मेदारियों से भागती नजर आयीं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा में कोई क्या कर सकता है?

लोगों से ज्यादा अपनी कुर्सी बचाने को तरजीह

ये बयान है उस मेयर का जिसके कंधों पर राजधानी को संवारने की जिम्मेदारी है. जिसके उपर राजधानी में रह रहे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी है. दरअसल बड़े- बड़े होटलों में बैठकर झुग्गियों में रहने वाले लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने का दावा करने वाले लोगों को यह कहां पता है कि गरीबों और आम लोगों की जिंदगी कैसे चलती है. एक मायने में कहा जाए तो नगर निगम का मुख्य काम अब अपने पसंद का मेयर और डिप्टी मेयर बनाने तक ही सीमित रह गया जान पड़ता है. हरेक दो साल पर मेयर और डिप्टी मेयर का कथित गुट एक दूसरे को कुर्सी से हटाने की जुगत में लगा रहता है और इसके पीछे होता है रुपयों का खेल.