चंद दिनों पहले तक जो ‘राजा’ था उसे गर्दिश में देखने तक नहीं गये नगर निगम के अधिकारी, जानिये अनुपम सुमन का हाल

चंद दिनों पहले तक जो ‘राजा’ था उसे गर्दिश में देखने तक नहीं गये नगर निगम के अधिकारी, जानिये अनुपम सुमन का हाल

PATNA : ज्यादा दिनों की बात नहीं है जब पटना नगर निगम का एक पत्ता भी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी अनुपन सुमन की मर्जी के बगैर नहीं हिलता था. नगर निगम का पूरा अमला इस जुगाड़ में लगा रहता था कि उसके नगर आयुक्त कभी सेवा का मौका दे दें. लेकिन वही अनुपम सुमन जब पटना के भीषण जल जमाव में फंस गये तो पटना नगर निगम का कोई कर्मचारी भी उनके आवास की ओर झांकने तक नहीं गया.

भारी जलजमाव में फंसे थे अनुपम सुमन

दरअसल अनुपम सुमन ने सवा महीने पहले नौकरी से ही इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है लेकिन सरकार ने उन्हें पद से रिलीव करते हुए दो महीने के अवकाश पर भेज दिया है. फिलहाल अनुपम सुमन पटना में ही शास्त्रीनगर इलाके के एक सरकारी फ्लैट में रह रहे हैं. भीषण बारिश से जलजमाव के बाद नगर निगम के पूर्व आयुक्त अपने फ्लैट में ही कैद होकर रह गये थे. घर के बाहर तीन से चार फीट पानी लगा था जिसे पार कर बाहर निकल पाना बेहद मुश्किल था.

नगर निगम ने पूर्व आयुक्त का नोटिस नहीं लिया

नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अनुपम सुमन ने रविवार से ही निगम के तीन चार अधिकारियों को फोन कर खुद को बाहर निकालने की व्यवस्था करने की गुहार लगायी. लेकिन निगम के किसी अधिकारी ने उनका नोटिस नहीं लिया. उनके फंसे होने की बात निगम कार्यालय में फैल गयी लेकिन सब खामोश बैठे रहे. अनुपम सुमन के एक करीबी ने हमें बताया कि हार कर सोमवार की शाम उन्होंने अपने स्तर से एक रिक्शा की व्यवस्था की. सरकारी फ्लैट के बाहर कमर से उपर पानी जमा था. रिक्शा पर बैठ कर वे जलजमाव से बाहर निकले. हालांकि हमने उनके मोबाइल पर क़ॉल कर उनका हाल जानना चाहा लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ.


ईश्वर की सेवा के लिए दिया था इस्तीफा

22 अगस्त को अनुपम सुमन ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी अनुपम सुमन बिहार में प्रतिनियुक्ति पर आये थे. बेहद इमानदार और कडक माने जाने वाले अनुपम सुमन ने पटना नगर निगम की पूरा हुलिया ही बदल दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वे ईश्वर की सेवा करना चाहते हैं. वैसे अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है.