PATNA: पटना में जल प्रलय के लिए कल सिर्फ नगर निगम के सफाई निरीक्षकों को जिम्मेवार मानकर उन्हें सस्पेंड करने वाली सरकार ने आज इस पूरे मामले की जांच के लिए अधिकारियों की कमिटी बना दी है. नीतीश कुमार के निर्देश पर 4 अधिकारियों की कमिटी बनी है जिसके अध्यक्ष विकास आयुक्त होंगे. ये कमिटी न सिर्फ इसकी जांच करेगी कि पटना में तबाही कैसे मची बल्कि ये भी बतायेगी कि आगे क्या करना चाहिये जिससे फिर से ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो.
CM के निर्देश पर बनी कमिटी
राज्य सरकार के गृह मंत्रलाय ने कमिटी की अधिसूचना जारी की है.विकास आयुक्त अरूण कुमार सिंह इसके अध्यक्ष हैं. वहीं, अमृत लाल मीणा, एस सिद्धार्थ और प्रत्यय अमृत को कमिटी का सदस्य बनाया गया है. इस कमिटी को एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
क्या होगा कमिटी का काम
अधिकारियों की इस कमिटी के जिम्मे नीचे लिखे काम होंगे.
1. पटना नगर क्षेत्र में बारिश के बाद जलजमाव की परिस्थिति और कारणों का पता लगाना
2. पटना नगर क्षेत्र में वर्षा ऋतु से पहले नालों की सफाई, जल निकासी की के पंपों की मरम्मत, रख-रखाव और चालू रखने में हुई चूक का पता लगाना और इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों की खोज करना.
3. पटना में आगे से ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए जरूरी अल्पकालीन और दीर्घकालीम योजना बनाने के लिए सुझाव देना
क्या न्याय कर पायेगी अधिकारियों की कमिटी
IAS अधिकारियों की ये कमिटी क्या वकाई पटना में तबाही के लिए जिम्मेवार अधिकारियों की तलाश कर पायेगी. दरअसल पटना में तबाही के जो भी आरोपी हैं वो सब IAS अधिकारी हैं. सारे नीतीश की पसंद से मलाईदार जगहों पर बिठाये गये हैं. चाहे वो नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव हों या पटना नगर निगम के आयुक्त. पटना की तबाही के लिए आरोपों के घेरे में आये कमिश्नर आनंद किशोर और डीएम कुमार रवि तो नीतीश की नाक के बाल माने जाते हैं. क्या इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत ये टीम जुटा पायेगी.