PATNA : तेज बारिश के बाद पटना में दस दिन से अधिक हुए जलजमाव पर हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है. इस मामले पर हाईकोर्ट में 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. जल जमाव को लेकर हाईकोर्ट के एक वकील की ओर से याचिका दाखिल की गई थी.
जस्टिस एस पांडेय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान ड्रेनेज सिस्टम के फेल होने को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मामले की मॉनिटरिंग करने का भी हवाला दिया है. जल जमाव के बाद हाईकोर्ट में कई जनहित याचिका दाखिल हुई थी. यही नहीं जलजमाव में खुद हाईकोर्ट के जस्टिस भी फंस गए थे. उन्होंने अपने पिता को खुद रेस्क्यू कर बाहर निकाला था.
बता दें कि पटना के राजेंद्रनगर, कुदमकुआं, कंकड़बाग, भूतनाथ रोड, एसकेपुरी समेत कई एरिया में कई दिनों तक जल जमाव था. स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से तुरंत हेल्प करने की मदद मांगी थी इसके साथ ही सेना के दो हेलीकॉप्टर और जल निकासी के लिए कोल इंडिया का पंप मांगा था. अगले दिन हेलीकॉप्टर आने के बाद लोगों को राहत पैकेज का वितरण किया जाने लगा. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमों ने हजारों लोगों को रेस्क्यू कर घर से निकाला था. इस दौरान इलाज के अभाव में एक वकील की मौत हो गई थी. जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पटना के डीएम और एसएसपी से जवाब तलब किया है.