PATNA : 2 साल पहले राजधानी पटना के डूबने के मामले में गठित जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसके बाद अब पीएचईडी के तीन इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय एक्शन शुरू हो गया है. पीएचईडी के एक सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और दो एक्टिव इंजीनियर निलंबित है. इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
विभाग ने सफाई को पर्याप्त नहीं माना
उच्च स्तरीय जांच में तीनों को दोषी करार दिया गया था. इस आधार पर निलंबित किया गया. इस दौरान तीनों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था. तीनों ने अपनी सफाई दी थी, लेकिन विभाग ने इसको पर्याप्त नहीं माना. पटना के डूबने के दौरान पीएचइडी के ये इंजीनियर बुडको में प्रतिनियुक्ति पर थे. सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर रामचंद्र प्रसाद, एग्जक्यूटिव इंजीनियर संतोष कुमार और दयाशंकर प्रसाद शामिल है.
समय पर नहीं दी सूचना
जांच कमिटी ने खुलासा किया है कि बुडको में तैनात तीनों इंजीनियरों ने समय पर इसकी सूचना नहीं दी. अगर ये समय पर सभी संप हाउसों की स्थिति के बारे में जानकारी देते तो पटना डूबने से बच सकता था. लेकिन ये तीनों अधिकारियों ने संप हाउसों का न तो निरीक्षण किया और न ही उसकी मरम्मती कराई. बरसात से पहले पटना के नालों की सफाई भी नहीं कराई. जिसके कारण पटना डूब गया. जिसके कारण हजारों लोगों को परेशानी हुई. अपने घरों में कैद रहे. स्थिति को देख एनडीआरएफ को बुलाना पड़ा. बता दें कि पटना जलजमाव को लेकर बिहार सरकार पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है. इसको लेकर सरकार की जमकर फजीहत भी हुई थी.