PATNA: पटना में जल प्रलय का शिकार बनने वालों परिवारों के खाते में सरकारी मदद के 6-6 हजार रूपये आ सकते है. सरकार ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर पटना के जलजमाव पीडितों को राहत देने पर विचार कर रही है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आज कहा कि विचार विमर्श के बाद सरकार फैसला लेगी.
ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर पटना के लोगों को राहत
दरअसल सूबे के ग्रामीण इलाकों में बाढ से पीड़ित लोगों को सरकार मदद देती है. इसी साल आयी बाढ़ के बाद ग्रामीण इलाकों के हर बाढ़ पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से 6-6 हजार रूपये की मदद दी गयी थी. इसके अलावा उनके खाने,पीने और रहने का भी इंतजाम किया गया था. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है कि ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर पटना के लोगों को भी मदद दी जाये. ऐसे में जलजमाव का शिकार बनने वाले लोगों के खाते में 6-6 हजार रूपये भेजे जा सकते हैं.
सरकार के मुताबिक 65 हजार परिवार हुए प्रभावित
मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार के पास उपलब्ध आकड़ों के मुताबिक पटना के तकरीबन 65 हजार परिवारों को जलजमाव के कारण नुकसान उठाना पड़ा है. लेकिन मुख्य सचिव के दावे और हकीकत अलग हैं. सरकार के पास मौजूद आंकडा संदिग्ध दिख रहा है. सरकार फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर भरोसा कर रही है जिसने 65 हजार परिवारों के बीच स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने का दावा किया है. लेकिन सरकार के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जिससे वो पता लगा सके कि कितने परिवार जलजमाव के शिकार हुए. नगर निगम के पास भी होल्डिंग की संख्या है. लेकिन एक होल्डिंग यानि एक मकान में कितने परिवार रह रहे हैं, कितने किरायेदारों को मकान दिया गया है इसकी कोई जानकारी नगर निगम के पास भी नहीं है. लिहाजा ये पता लगाना भी मुश्किल होगा कि कितने परिवार पटना में हुई तबाही से प्रभावित हुए.