PATNA : पटना में 12 दिसंबर से सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग की शुरूआत होगी. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) द्वारा पटना जिला में क्रिकेट की गतिविधियों को संचालित करने के लिए गठित तदर्थ समिति ने एलान किया है. BCA की कमेटी ने खिलाड़ियों को ये चेतावनी दी है कि वे गैर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट में भाग नहीं लें वर्ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग और जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग की तैयारी को लेकर गुरुवार को लिए तदर्थ समिति के संयोजक राजेश कुमार की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिये गये. इसकी जानकारी देते हुए तदर्थ समिति के सदस्य रहबर आबदीन ने बताया कि पटना जिला सीनियर डिवीजन लीग की शुरुआत 12 दिसंबर से होगी. इसके सारे मैच टर्फ विकेट पर खेले जायेंगे. मैच के लिए गेंद तदर्थ समिति उपलब्ध करायेगी.
बीसीए द्वारा गठित तदर्थ समित के सदस्य रहबर आबदीन ने कहा कि मौजूदा सत्र 2022-23 में होने वाले मैचों के बाद कोई भी टीम सीनियर डिवीजन से जूनियर डिवीजन में नहीं जायेगी. लेकिन जूनियर डिवीजन की चार सेमीफाइनलिस्ट टीमों को सीनियर डिवीजन में अपग्रेड किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जिन क्लबों ने बीसीए द्वारा गठित पीडीसीए तदर्थ समिति में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है वे लीग में नहीं खेल पायेंगे. रहबर आबदीन ने खिलाड़ियों से अपील की कि वे तदर्थ समिति में रजिस्टर्ड क्लबों की ओर से ही खेलेंगे क्योंकि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने पटना में क्रिकेट संचालन का जिम्मा तदर्थ समिति को सौंप रखा है.
तदर्थ समिति के सदस्य रहबर आबदीन ने कहा कि अब तक तदर्थ समिति ने अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक किया है और इसी का नतीजा है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित क्रिकेट गतिविधियों के लिए तदर्थ समिति द्वारा भेजे गए प्लेयर्स लिस्ट को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने पटना जिला में क्रिकेट संचालन के जिम्मेवारी तदर्थ समिति को सौंपी है इस बात को खिलाड़ी ही नहीं क्लबों के पदाधिकारी भी समझें और उसी के नियमानुसार काम करें.
बिहार क्रिकेट एसोसियेशन की तदर्थ कमेटी ने कहा है कि गैर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट में खेलने का नुकसान खिलाडियों को उठाना पड़ सकता है. तदर्थ कमेटी ने चेतावनी दी है कि जो भी क्लब या खिलाड़ी नियमों के विरुद्ध कार्य करेंगे उन पर कारवाई करने के लिए तदर्थ समिति को मजबूर होना पड़ेगा.