PATNA : राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाना में राजेश्वर हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. भागलपुर की रहने वाली पीड़ित महिला की शिकायत पर पटना पुलिस प्रथिमिकी दर्ज की है. महिला के साथ अश्लील हरकत, छेड़खानी, लज्जा भंग करने की कोशिश और ज़बरदस्ती वसूली करने समेत आईपीसी की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
गौरतलब हो कि भागलपुर की रहने वाली एक महिला ने कोरोना पीड़ित पति की मौत के बाद राजेश्वर हॉस्पिटल के डॉक्टर और वार्ड बॉय के ऊपर काफी गंभीर आरोप लगाए थे. पीड़िता के आवेदन के आधार पर पत्रकार नागर थाना में आईपीसी 354A (महिला पर अश्लील टिप्पणी या गलत निगाह से देखना), आईपीसी 509 (किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करना), आईपीसी 384 (किसी व्यक्ति को मृत्यु या गंभीर आघात का भय दिखाकर ज़बरदस्ती वसूली करना), आईपीसी 336 (किसी व्यक्ति की जान को खतरा पहुंचाने) और आईपीसी 166B (अस्पताल से शिकार की गैर उपचार) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्रथिमिकी दर्ज किये जाने के बाद पटना पुलिस ने राजेश्वर नर्सिंग होम के आरोपी डॉक्टर और वार्ड बॉय के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है ी इनके खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के अनुसार भी मामला दर्ज किया गया है. जानकारी मिली है कि दर्ज एफआईआर में महिला ने पूरे घटना की जानकारी विस्तृत तौर पर दी है और बताया है कि किस तरीके से राजेश्वरी हॉस्पिटल में उसके साथ व्यवहार किया गया.पत्रकार नगर थाने की पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है और पूरे मामले में जांच शुरू कर दी गई है.
गौरतलब हो कि बहादुरपुर पेट्रोल पंप के पास चित्रगुप्त नगर स्थित राजेश्वर हॉस्पिटल में एक डॉक्टर ने कोरोना पेशेंट की पत्नी के साथ छेड़खानी की थी. महिला के साथ उसने गंदे व्यवहार किये थे. उसे अश्लील इशारा किया और महिला के शरीर को गलत तरीके से टच कर उसकी लज्जा भंग करने की पूरी कोशिश की थी. इतना ही नहीं डॉक्टर के अलावा वार्ड बॉय ने भी महिला के साथ बदतमीजी की और उसके साथ गंदा बिहेव किया था. वार्ड बॉय ने महिला का दुपट्टा खींचा और उसके कमर पर हाथ रखा. उसे अपनी ओर खींचने लगा. महिला का पति बेड पर ये सब देखकर तड़पड़ते रह गया. वह असहाय और मजबूर था. महिला चीखने-चिल्लाने लगी. उसकी मां भी वहां मौजूद थी. लेकिन वो बुजुर्ग महिला भी विवश और लाचार थीं.
ये घटना रौशन चंद्र की पत्नी के साथ हुई थी. रौशन अब इस दुनियां में नहीं रहें. कोरोना ने उनकी जिंदगी छीन ली. रौशन की पत्नी बताती हैं कि "पति को कोरोना ने नहीं बल्कि सिस्टम ने मारा है." ये लोग नॉएडा में रहते हैं और होली मनाने अपने रिश्तेदार के पास भागलपुर गए हुए थे. कोरोना संकट के कारण ये दिल्ली नहीं लौट पाएं. इसी बीच 9 अप्रैल को उसी दौरान उनके पति कोरोना के शिकार हो गए और उनके इलाज के लिए भागलपुर के ग्लोकल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां रोज़ वो सिस्टम से संघर्ष करते रहे. लेकिन जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो पीड़ित महिला अपने पति को लेकर पटना चली आईं.
रौशन चंद्र की बिगड़ती हालत को देखते हुए उनकी पत्नी ने उन्हें राजधानी पटना के जाने-माने राजेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया. यहां रौशन की पत्नी के साथ जो कुछ हुआ वो हम आपको बता चुके हैं. यह घटना ने सबको झकझोर दिया है. जिस तरीके से इस असहाय महिला के साथ बर्ताव किया गया. वह वाकई हैरान करने वाली बात है. मीडियावालों के सामने चीखती-चिल्लाती हुई इस महिला ने जो कुछ भी बयां किया, उसे सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए.
महिला बताती है कि "कोरोना संक्रमित मरीज के द्वारा पानी मांगे जाने पर भी कोई कर्मचारी जानबूझ कर पानी नहीं पिलाया करता था. साथ ही महिला ने कहा कि पति के इलाज के दौरान अस्पताल ने रेमेडीसिविर की किल्लत होने के बावजूद उन्हें यह दावा उपलब्ध करवाने को कहा. लेकिन जैसे तैसे जब यह दावा उपलब्ध करवाई गई तो डॉक्टरों ने जानबूझ कर आधा इंजेक्शन जमीन पर गिरा दिया. जब मैंने इसके लिए डॉक्टर को टोका. तो डॉक्टर ने धमकी देते हुए कहा कि अगर मैं 50000 हजार की दवाई भी गिरा देता तो तुम कुछ नहीं कर पाती."
पीड़ित महिला ने आगे कहा कि "जब उसने अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी से रात में रुकने के लिए मदद मांगी तो उसने मदद करने का झांसा देते हुए दुपट्टा खींचने की कोशिश की. महिला ने यह भी कहा कि जब उसने अस्पताल के कर्मी की शिकायत दूसरे लोगों से की तो उनलोगों ने भी महिला को आंख निकाल लेने की धमकी दी. महिला ने कहा कि मैं डर के मारे कुछ भी नहीं कर पाई क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो लोग मेरे पति को कुछ ना कर दें."