जस्टिस राकेश कुमार के फैसले के बाद हाईकोर्ट में दो वरिष्ठ जजों के बीच सीधा टकराव, चीफ जस्टिस ने जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ से सुनवाई का अधिकार छीना

जस्टिस राकेश कुमार के फैसले के बाद हाईकोर्ट में दो वरिष्ठ जजों के बीच सीधा टकराव, चीफ जस्टिस ने जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ से सुनवाई का अधिकार छीना

PATNA : न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस राकेश कुमार की टिप्पणी के बाद हाईकोर्ट के दो वरिष्ठतम जजों में टकराव आने की आशंका हो गयी है। हाईकोर्ट के दो सबसे वरिष्ठ जजों के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। https://youtu.be/kFmLVKyknRA पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया से जुड़े जिस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश कुमार ने अपने फैसले में जो हाई कोर्ट प्रशासन के खिलाफ टिप्पणी दी थी उस पर चीफ जस्टिस ए पी शाही ने एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ में सूचीबद्ध सभी मामले को वापस लेने का आदेश हाई कोर्ट के निबंधक -लिस्ट एंड कंप्यूटर को दिया है । गौरतलब है कि जस्टिस राकेश कुमार के एकलपीठ के सभी मामले में सूचीबद्ध उन मामलों को भी वापस लेने का आदेश चीफ जस्टिस ने दिया है जो जस्टिस राकेश के एकलपीठ के साथ "" ""टाईड अप "" (बंधे हुए ) मामले हैं यानी जिसे केवल क़ानूनतः जस्टिस राकेश कुमार ही सुन सकते हैं और कोई दूसरा जज नही सुन सकता !! साथ ही पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश से रजिस्ट्रार लिस्ट को नोटिस जारी करते हुए यह पूछा है कि रमैय्या की अग्रिम जमानत खारिज होने वाला मामला जिसका निष्पादन जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ पहले ही कर चुकी थी उसको दोबारा सूचीबद्ध कैसे किया गया ? इस संबंध में न्यायमूर्ति राकेश कुमार के पेशकार से भी"" सफाई मांगा गया "" है । गुरुवार को हाई कोर्ट मामले की दैनिक कार्य सूची में प्रकाशित इस नोटिस में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तरफ से रजिस्ट्रार को जारी किए गए इस नोटिस के बाद हाई कोर्ट के जजों के बीच टकराहट होने की आशंका हो गयी है । आपको बता दें कि महादलित विकास मिशन में हुए घोटाले के आरोपी पूर्व आईएएस केपी रमैया की अग्रिम जमानत अर्जी पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। रमैया को सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में राहत नहीं मिली लेकिन पूर्व आईएएस ने बड़ी चालाकी से निचली अदालत से नियमित जमानत ले ली। रमैया को जमानत दिए जाने के मामले पर जस्टिस राकेश कुमार ने सुनवाई की थी और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए फैसले की कॉपी सीजेआई, पीएमओ सहित सीबीआई को भेजे जाने का निर्देश दिया था।