ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: ‘बिहार के बच्चे ट्रेनों में धक्के खा रहे हैं’, प्रशांत किशोर का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला Bihar Election 2025: ‘बिहार के बच्चे ट्रेनों में धक्के खा रहे हैं’, प्रशांत किशोर का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला एक बोरी सिक्का लेकर बेटी को स्कूटी दिलाने पहुंचा पिता, शोरूम के कर्मचारियों ने किया स्वागत Bihar News: बिहार में चेकिंग के दौरान CRPF जवानों और दारोगा के परिवार के बीच मारपीट, बीच सड़क पर खूब चले लात-घूंसे; वीडियो वायरल Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा का जहानाबाद में जनसंपर्क, कहा- CM नीतीश के नेतृत्व में विकसित बिहार का सपना हो रहा साकार Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया देश मे अमन शांति बनाए रखने के लिए महागठबंधन की सरकार जरूरी: मुकेश सहनी

पटना एम्स को बनाया गया कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल, इस महीने के अंत तक चरम पर होगा कोरोना !

1st Bihar Published by: Updated Fri, 10 Jul 2020 08:18:14 PM IST

पटना एम्स को बनाया गया कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल, इस महीने के अंत तक चरम पर होगा कोरोना !

- फ़ोटो

PATNA :  बिहार में कोरोना की बढ़ती रफ़्तार ने सबको हैरान कर दिया है. राज्य सरकार के मंत्री से लेकर कई बड़े अफसर इसकी चपेट में आ चुके हैं. प्रतिदिन भारी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इस जुलाई महीने के अंत तक कोरोना अपने चरम पर होगा. लिहाजा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पटना एम्स को कोरोना डेडिकेटेड होपितल के रूप में चिन्हित किया है.


हाल ही में आईएमए यानी कि द इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे को पत्र लिखकर पटना एम्स को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाने की मांग की गई थी. आईएमए ने दावा किया है कि बिहार के 200 से अधिक डॉक्टर और हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. ऐसी स्थिति में आम लोगों को बचाने के लिए डॉक्टरों और चिकित्सकों को सुरक्षित रहना सबसे अधिक जरूरी है.


राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एम्स को को कोरोना डेडिकेटेड होपितल के रूप में चिन्हित किया है. यहां सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच और इलाज होगा. अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अब 50 की बजाय 500 बेड उपलब्ध कराने की बात सामने आ रही है. फिलहाल एम्स में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों के लिए 50 बेड उपलब्ध हैं.


आपको बता दें कि बिहार में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में मामले 14 हजार पार कर चुके हैं. डॉक्टरों व स्वास्थ्य मंत्रालय के आकलन के अनुसार अगले कुछ दिनों में संक्रमण में और तेजी आएगी. जुलाई के अंत तक कोरोना अपने चरम पर हो सकता है. संक्रमितों के इलाज के लिए ज्यादा से ज्यादा बेड और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है.


एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि एम्स में सामान्य इमरजेंसी और कोरोना संक्रमित दोनों प्रकार के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. ऐसे में दोनों मरीजों के साथ पूरी तरह से न्याय नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यह यदि कोविड अस्पताल होगा तो उनके लिए बेहतर होगा. यदि सामान्य मरीजों के लिए संचालन होगा तो उनके लिए बेहतर होगा. यही कारण है कि किसी एक तरह का समर्पित अस्पताल होने से मरीजों के साथ ज्यादा न्याय हो सकेगा.