बिहार : परिजनों ने सिर कटी बॉडी देखकर की थी बेटी की पहचान, 5 महीने बाद वापस लौटी तो उड़े पुलिस के होश

बिहार : परिजनों ने सिर कटी बॉडी देखकर की थी बेटी की पहचान, 5 महीने बाद वापस लौटी तो उड़े पुलिस के होश

BHAGALPUR : भागलपुर जिले के नवगछिया से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जहां पुलिस एक मामला सुलझाते-सुलझाते दूसरे मामले की गुत्थी में फंस गई. दरअसल, झल्लूदास टोला की रहने वाली एक 15 साल की लड़की की हत्या की रिपोर्ट उसके पिता ने थाने में दर्ज कराई थी लेकिन हत्या की रिपोर्ट दर्ज होने के पांच महीने बाद लड़की अपने घर वापस लौट आई. पुलिस को जब मामले की सूचना मिली तो पुलिस ने लड़की को थाने बुलाकर उससे पूछताछ शुरू कर दी. 


पूछताछ में लड़की ने बताया कि 9 जुलाई को गांव के ही सुबोध कुमार नाम के युवक ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे यूपी लेकर चला गया था. अपहरण के दो दिन बाद ही उसने उससे शादी रचा ली थी. फिर दस दिन बाद सुबोध कुमार ने बच्चू यादव नामक एक अधेड़ के हाथों उसे बेच दिया. बच्चू यादव द्वारा काफी दिनों तक प्रताड़ित होने के बाद वह किसी तरह उसके चंगुल से निकलकर भागी और घर पहुंची. लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने नवगछिया कोर्ट में मामला दर्ज कराने के बाद उसे मेडिकल जांच के  लिए भेज दिया है. फिलहाल लड़की पुलिस कस्टडी में है.


बता दें कि 9 जुलाई को लड़की अपने घर से लापता हो गई थी. उसके पिता ने 11 जुलाई को बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था. वहीं 29 जुलाई को तीनटंगा कलबलिया धार के पास एक युवती की सिर कटी लाश मिली थी जिसके बाद पिता और अन्य परिजनों ने कपड़े के आधार पर उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की थी. बाद में परिजनों ने लड़की की हत्या के आरोप में गांव के ही रहने वाले संतोष कुमार नाम के एक युवक पर हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने तीन दिनों की काफी खोजबीन के बाद संतोष कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद करीब 5 महीने तक युवक जेल में ही था. 


अब इस मामले की गुत्थी यहीं नहीं ख़त्म होती है. अब मामला यह सामने आ रहा है कि जिस लड़की के परिजनों ने उसके लापता होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी, वह लड़की तो जिंदा निकली. तो जिसकी सिर कटी लाश मिली है वो कौन थी. कहीं न कहीं इस मामले में पुलिस की भी लापरवाही सामने आ रही है.  इधर लड़की के परिजनों का मामले पर कहना है कि उनसे शव की शिनाख्त करने में चूक हुई थी. पिता ने बताया कि कलबलिया धार के पास से बरामद सिर कटी लाश लगभग 15 से 20 दिन पुरानी लग रही थी. उस शव से उनकी बेटी की कद काठी मिल रही थी. बेटी के कपड़े के रंग भी बरामद शव के कपड़ों से मेल खा रहे थे, इसलिए उन्हें लगा कि वह लाश उनकी बेटी की ही है.


इस संबंध में रंगरा थानाध्यक्ष माहताब खान ने कहा कि मामले की नए सिरे से छानबीन की जा रही है. पता लगाया जायेगा कि 29 जुलाई को बरामद शव किसका था और किसने उसकी हत्या की थी. पुलिस सुबोध और बच्चू यादव की भी तलाश कर रही है.