PATNA: अमूमन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाने वाली बीजेपी को आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चौंका दिया। पटना में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती समारोह में नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी के साथ पहुंच गए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती में नीतीश के शामिल होने को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया और नीतीश की बीजेपी से नजदीकी बढ़ने की बात कही जाने लगी हालांकि बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल होने के पीछे का असली मकसद बता दिया है।
गिरिराज सिंह ने ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है कि नीतीश कुमार पंडित दीनदयाल को माला डालने नहीं गए थे बल्कि आरजेडी को डराने के लिए गए थे। गिरिराज ने कहा कि बिहार में कानून राज की परिभाषा बदल गई है। राहुल गांधी अमेठी से तो चुनाव हार गए, केरल गए, अब मुंबई से लड़ाना चाहिए। अब नीतीश कुमार संयोजक बनने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी सभी कयासों पर विराम लगा दिया है और कहा है कि नीतीश कुमार नाक भी रगड़ लेंगे तो भी उनकी वापसी एनडीए में नहीं होने वाली है। सुशील मोदी ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि नीतीश राजीनितिक बोझ हो गए हैं और बीजेपी की ऐसी कोई मजबूरी नहीं कि वह नीतीश का बोझ सिर पर लेकर घूमे। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हरियाणा में आयोजित देवीलाल की जयंती पर आयोजित रैली में शामिल होना था लेकिन वहां नही जाकर नीतीश कुमार तेजस्वी के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में पहुंच गए थे।