देवरिया से सुल्तानगंज जा रहे कांवरियों की गाड़ी को टैंकर ने मारी टक्कर, दो की हालत गंभीर खगड़िया में बड़ा हादसा: नहाने के दौरान चार स्कूली बच्चे गहरे पानी में डूबे, रेस्क्यू जारी छपरा: गंगा में डूबने से 3 की मौत, सावन सोमवारी के दिन कलश विसर्जन के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें Bihar News: नीतीश सरकार युवाओं के लिए ला रही बड़ा अवसर, इस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली तो नौकरी पक्की Bihar News: नीतीश सरकार युवाओं के लिए ला रही बड़ा अवसर, इस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली तो नौकरी पक्की कल विधानसभा में होगा भारी हंगामा, वोटर लिस्ट सुधार को लेकर तेजस्वी के ऐलान से हड़कंप
1st Bihar Published by: Updated Sat, 29 May 2021 01:48:12 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव समय पर हो पाएंगे या नहीं इसे लेकर संशय बना हुआ है. कोरोना महामारी को देखते हुए इस बात की संभावना कम है कि समय पर पंचायत चुनाव हो पाएंगे ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा तो सरकार उनकी जगह अधिकारियों से पंचायती राज व्यवस्था का संचालन करवा सकती है. पंचायत प्रतिनिधियों के पक्ष में अब बीजेपी के अंदर खाने से आवाज बुलंद होने लगी है. पहले बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा और अब विधान पार्षद रजनीश कुमार ने सरकार के सामने मांग रखी है. बीजेपी एमएलसी रजनीश कुमार ने सरकार से मांग की है कि पंचायत चुनाव टलने की स्थिति में पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों को अतिरिक्त प्रभार देकर मौजूदा व्यवस्था बनाई रखी जाए.
बीजेपी एमएलसी रजनीश कुमार स्थानीय प्राधिकार से चुनकर विधान परिषद आते हैं. पंचायती राज प्रतिनिधियों के संबंध में वह सदन में भी अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं और ऐसे में अब उन्होंने सरकार के सामने बड़ी मांग रख दी है. बीजेपी एमएलसी ने कहा है कि बिहार में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. कोरोना संक्रमण की व्यापकता को देखते हुए समय पर पंचायत चुनाव कराने की संभावना समाप्त हो चुकी है. समय पर चुनाव न हो पाने की स्थिति में पंचायती राज संस्थाओं को क्रियाशील रखने पर एक सवाल खड़ा हो गया है. यह बात सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की दर्जनों योजनाओं का संचालन पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से होता है. ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के विघटन हो जाने की स्थिति में इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है.
रजनीश कुमार ने कहा है कि अब जबकि समय पर पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की संभावना समाप्त हो गई है तो इन संस्थाओं को क्रियाशील रखने के लिए जो भी विकल्प हो सकते हैं, उसमें से सर्वोत्तम यह होगा कि सरकार वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को ही तात्कालिक रूप से कार्यभार देकर पंचायती राज संस्थाओं को क्रियाशील रखने का काम करे. इस व्यवस्था को पूरी से सरकारी पदाधिकारियों के हाथ मे दे देना बिल्कुल भी ठीक नही होगा और इससे पंचायती राज संस्थाओं के मूल ढाँचे पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
रजनीश कुमार ने सरकार से मांग की है कि पंचायती राज्य संस्थाओ के चुनाव होने तक के अवधि के लिए वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों जिनका कार्यकाल 15 जून को पूरा हो रहा है उन्हें ही तीनों स्तरों (पंचायत,प्रखंड और जिला) पर अस्थायी रूप से कार्यभार देकर पंचायती राज संस्थाओं को क्रियाशील रखने का निर्णय करे. केवल प्रशासनिक पदाधिकारियों के अंदर दे देना उचित नही होगा. बीजेपी एमएलसी ने कहा है कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ-साथ डिप्टी सीएम और पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी को भी पत्र लिखेंगे. पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में प्रतिनिधियों का कार्यकाल बना रहे इसके लिए अब बीजेपी सरकार पर दबाव बना रही है.