पाला बदलने वाले विधायकों पर राजद करेगी कार्रवाई, तीनों की जाएगी सदस्यता

पाला बदलने वाले विधायकों पर राजद करेगी कार्रवाई, तीनों की जाएगी सदस्यता

PATNA: एनडीए की नई सरकार के फ्लोर टेस्ट के दो दिन पूर्व तमाम राजद विधायकों को तेजस्वी यादव ने नजरबंद कर रखा था। लेकिन वो काम नहीं आया। देशरत्न मार्ग स्थित तेजस्वी आवास में नजरबंद रखे गये विधायकों में से तीन विधायक बड़े ही नाटकीय ढंग से अंतिम समय में राजद को छोड़कर नीतीश खेमे में चले गये। शिवहर के विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव तीनों विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान विपक्ष की जगह सत्ता पक्ष के साथ जाकर बैठ गए। राजद के तीनों विधायकों के नीतीश खेमें में जाने से लालू-तेजस्वी को बड़ा झटका लगा। 


जिसके बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी नयी सरकार ने सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लिया। अब राजद के इन तीन विधायकों की सदस्यता जाएगी। राजद के प्रधान महासचिव व मोरवा के विधायक रणविजय साहू ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन के बेटे व शिवहर के विधायक चेतन आनंद को जो सम्मान राजद ने दिया वो सम्मान और कोई पार्टी नहीं देगी। 


प्रह्ललाद यादव को कई बार टिकट देने का काम लालूजी ने किया। सूर्यगढ़ा की जनता का गला घोंटने का काम प्रह्लाद यादव ने किया है। एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा कि धन, बल सीबीआई आईटी का भय बनाया गया। पूरी तरह से भाजपा जेडीयू की सरकार डराना चाहती है लेकिन हमलोग डरने वाले नहीं है। 


उन्होंने कहा कि चेतन आनंद तो लगातार अपने परिवार के संपर्क में थे। फोन उनके पास था। राजद की लगातार हो रही बैठक में भी शामिल हुए थे। कही कोई बात नहीं थी। तेजस्वी यादव को बदनाम करने के लिए पुलिस का जाल बिछाया गया। राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है आने वाले समय में बिहार के भविष्य तेजस्वी यादव हैं। 


तीनों विधायकों पर निश्चित तौर पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई होगी। पार्टी इस पर अध्ययन करेगी। हमारी पार्टी नियमावली और संविधान से चलता है दल बदल कानून के तहत उन्होंने उल्लंघन किया है तो निश्चित तौर पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी। सभी की सदस्यता जाएगी।


जबकि चेतन आनंद का कहना है कि तेजस्वी यादव ने अपने घर पर नजरबंद कर रखा था। मैं अपने परिवार से मिलना चाहता था लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा था। मुझे कई घंटों तक वही रोका गया। हम घर जाने की मांग करते रहे लेकिन मिलने नहीं दिया गया। जब मेरे भाई ने पुलिस से शिकायत की तब जाकर मुझे परिवार से मिलने दिया गया। 


हमलोगों को ठाकुर का कुँआ की वजह से मेरे पिता को गलत गलत बात बोला गया मुझे बेवकूफ बोला गया। मैं यही कहना चाह रहा था कि एक जाति सूचक शब्द यदि है जो 1970 में लिखी गयी है जो जरूरी नहीं है कि 2023 में भी अप्लाई हो। हमने सिर्फ यही बात रखी जिसकी वजह से जो चाटुकारिता करने वाले लोग हैं वो मेरे विरोध में खड़े हो गये। राजद के चाटुकारिता करने वाले नेताओं ने ऐसा माहौल बनाया कि वहां रहना मुश्किल हो गया था।