DELHI: पैसा लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। इस मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने महुआ को समन भेजकर 31 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसपर महुआ ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए एथिक्स कमेटी से समय की मांग की थी। एथिक्स कमेटी ने महुआ की मांग को खारिज करते हुए उन्हें आगामी दो नवंबर को कमेटी के सामने उपस्थित होने का आदेश दिया है।
दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि लोकसभा में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी की ओर से सवाल पूछने के लिए महुआ उनसे पैसे लेती हैं। उनका कहना है कि महुआ जानबूझ कर पैसे के बदले अडानी ग्रुप और पीएम मोदी को निशाना बनाती हैं। बीजेपी सांसद की शिकायत पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
इससे पहले बीते 26 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने कैश फॉर क्वेरी मामले में वकील जय अनंद देहाद्राई और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का बयान दर्ज किया था। कमेटी के सामने निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद को बर्खास्त करने की मांग की थी। पूछताछ के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए कमेटी ने महुआ मोइत्रा से भी पूछताछ करने का फैसला लिया था और समन भेजकर 31 अक्टूबर को कमेटी के सामने उपस्थित होने को कहा था।
लोकसभा की एथिक्स कमेटी के समन के जवाब में महुआ ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए 31 अक्टूबर को उपस्थित होने में असमर्थता जताई और कमेटी से समय मांगा हालांकि एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद की मांग को खारिज कर दिया है और पूछताछ के लिए दो नवंबर को कमेटी के समक्ष पेश होने को कहा है। ऐसे में अब महुआ की संसद सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है।