RANCHI : कोरोना संकट के इस काल में अभी तक जो प्रवासी मजदूरों की तस्वीरें सामने आई है, उसमें वे पैदल, ट्रक से या ट्रेन से घर लौटते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन गुरुवार को पहली बार फ्लाइट से मजदूरों की घर वापसी हुई है. मुंबई से 177 प्रवासी मजदूरों को लेकर मुंबई से एक फ्लाइट रांची पहुंची. फ्लाइट लैंडिंग के दौरान रांची के श्रम मंत्री खुद एयरपोर्ट पर मौजूद रहें.
झारखंड सरकार के प्रयास और एलुमनाई नेटवर्क ऑफ नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु के सहयोग से एयर एशिया की फ्लाइट से आज झारखंड के 177 प्रवासी मजदूर रांची एयरपोर्ट पहुंचें. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुशी जताते हुए कहा कि हमारी सरकारी की पहली प्राथमिकता मजदूरों की घर वापसी कराना है और इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही लद्दाख और अंडमान निकोबार में फंसे झारखंडी मजदूरों को सरकार फ्लाइट से वापस लाएगी.
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय अमित शाह को पत्र लिखकर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को चार्टड प्लेन से वापस लाने की अनुमति मांगी थी. इस बारे में उनका कहना है कि द्दाख, अण्डमान और नार्थ ईस्ट में फंसे मजदूरों को बस या ट्रेन से लाना संभव नहीं. ऐसे में इन इलाकों से मजदूरों को चार्टर्ड प्लेन से लाने की अनुमति गृह मंत्रालय से मांगी गई थी, जिसपर गृह मंत्रालय ने अनुमती दे दी है. जानकारी के मुताबिक लद्दाख में करीब 200 और उत्तर-पूर्वी राज्यों में करीब 450 झारखंडी श्रमिक फंसे हुए हैं. केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद पहली बार फ्लाइट से मजदूरों को मुंबई से रांची लाया गया.