पहली ट्रेन से बिहार पहुंचे 1187 मजदूर; सबसे ज्यादा रोहतास जिले के लोग, देखें सबकी लिस्ट

पहली ट्रेन से बिहार पहुंचे 1187 मजदूर; सबसे ज्यादा रोहतास जिले के लोग, देखें सबकी लिस्ट

PATNA : पटना के दानापुर रेलवे स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंच चुकी है। इस ट्रेन से बिहार के 1187 मजदूरों को जयपुर से वापस लाया गया है।दानापुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तमाम यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग का काम चल रहा है।  दानापुर स्टेशन पर स्क्रीनिंग के बाद सभी मजदूरों को उनक गृह जिले की ओर रवाना किया जाएगा। इसके लिए दानापुर स्टेशन पर लगभग डेढ़ सौ बसों का इंतजाम किया गया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सबसे ज्यादा रोहतास जिले के मजदूर बिहार पहुंचे हैं। 


आइए आपको दिखाते है किस जिले के कितने मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पटना पहुंचे हैं-- 


रोहतास के 175 मजदूर

मधेपुरा के 119 मजदूर

पूर्णिया के 114 मजदूर

समस्तीपुर के 81 मजदूर

सारण के 73 मजदूर

सीतामढ़ी के 71 मजदूर

बेगूसराय के 68 मजदूर

कैमूर के 30 मजदूर

अररिया के 25 मजदूर

गया के 15 मजदूर

पटना के 7 मजदूर

बेतिया के 3 मजदूर

मुंगेर का 1 मजदूर

अरवल का 1 मजदूर 

जहानाबाद का 1 मजदूर 

शिवहर का 1 मजदूर


बाहर से जितने भी मजदूर पटना पहुंचे हैं सबसे पहले उनकी मेडिकल स्‍क्रीनिंग की जा रही है। इसके लिए दानापुर जंक्शन के ठीक बगल में स्थित रेलवे हाई स्कूल में स्‍क्रीनिंग सेंटर बनाया गया है। वहीं, जिला प्रशासन ने फैसला लिया है कि कोटा सहित अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों को क्वारंटाइन सेंटर में नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाएगा. सभी छात्र 21 दिन तक घरों में क्वारंटाइन रहेंगे।


वहीं बिहार के लिए दो और श्रमिक स्पेशल ट्रेन आज शाम खुलने जा रही है।केरल के एर्नाकुलम और तिरूर से ये दोनों ट्रेनें खुलेंगी। बताया जा रहा है कि केरल के एर्नाकुलम से दानापुर के लिए शाम 6 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन खुलेगी वहीं तिरूर से 5:30 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन खुलेगी। ये दोनों ही ट्रेनें दानापुर स्टेशन पहुंचेंगी। 


बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन 3 के शुरू होने से पहले गृह मंत्रालय ने दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों, स्टुडेंट, श्रद्धालुओं के साथ ही साथ कुछ लोगों को विशेष ट्रेन चलाकर गृह राज्य पहुंचाने का निर्देश दिया है। रेलवे के तरफ से चलाई जा रही इस स्पेशल ट्रेनों को 'श्रमिक स्‍पेशल' का नाम दिया गया है। रेल मंत्रालय ने इन लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाए हैं।