सिमडेगा में सड़क और स्वास्थ्य सेवा बदहाल, बुजुर्ग महिला को खाट पर अस्पताल ले जाने का वीडियो वायरल

झारखंड के सिमडेगा जिले से वायरल वीडियो ने सरकार के विकास के दावों की पोल खोल दी है। सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बुजुर्ग महिला को खाट पर अस्पताल ले जाना पड़ा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 28 Jun 2025 03:44:44 PM IST

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झारखंड की तस्वीर! - फ़ोटो GOOGLE

JHARKHAND: एक ओर जहां झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आए दिन विकास के दावे करते दिखते हैं। लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जो उनके दावों की पोल खोल रही है। वायरल यह वीडियो झारखंड के सिमडेगा जिले के केसलपुर पंचायत स्थित चुंदियारी गांव बतायी जा रही है। जो यहां की बदहाल सड़के और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को दिखा रहा है। 


इस वायरल वीडियो की पुष्टि फर्स्ट बिहार नहीं करता लेकिन वायरल इस वीडियो से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर भी सवाल खड़े हो गये हैं। हेमंत सोरेन के राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी है? इस वीडियो से ही देखकर समझा जा सकता है। दरअसल दुर्घटना में घायल एक बुजुर्ग महिला को खाट पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया। झारखंड के हेल्थ सिस्टम को शर्मिंदा करने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देखकर लोग भी हैरान हैं। 


वायरल यह वीडियो सिमडेगा जिले की है जहां सड़क तक नहीं है जिसके कारण एम्बुलेंस पहुंचना भी वहां मुश्किल है। वायरल इस वीडियो में जो आवाज सुनने को मिल रहा है उसमें एक व्यक्ति कह रहा है कि यहां विकास का काम नहीं हुआ है। सडक,बिजली,पानी की व्यवस्था नहीं  है। यहां के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि कोई बीमार पर जाता है तब 3 से 5 किलोमीटर तक खटिया में धोकर मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है। अपनी गाड़ी से भी किसी तरह ले जाया जाता है। रोड तो है ही नहीं कि एम्बुलेंस यहां पहुंचे और मरीज को अस्पताल ले जाए। 


अब सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जो हेमंत सरकार और इरफान अंसारी के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने का काम कर रहा है। इरफान अंसारी के रहते सिमडेगा में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है? इसे जानने के लिए यह वायरल वीडियो ही काफी है। बताया जाता है कि झारखंड से इस तरह की वीडियो आए दिन वायरल होता है लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसके बाद भी सरकार के कान तक जूं नहीं रेंगती। 


यदि व्यवस्था में कोई सुधार होता तो इस तरह की तस्वीर सामने नहीं आती। इस ओर ना तो मंत्री की नजर और ना ही वहां के विधायक ही कुछ कर पा रहे हैं। यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाओं तक नसीब नहीं है। ना तो पीने का पानी है, ना ही बिजली और सड़क की व्यवस्था है। अब तो यहां के लोगों को इन समस्याओं को झेलने की आदत सी हो गयी है। यहां के लोगों का कहना है कि नेताजी पांच साल बाद ही यहां मुंह दिखाते हैं और बड़े-बड़े दावा करके हमसे वोट ले लेते हैं, उसके बाद हमें उसी हालत में छोड़ देतें हैं।