PATNA : सरकार के एक फैसले से बिहार के लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का बड़ा मौका मिलने जा रहा है। 2019 में खत्म हुई टीईटी-एसटीईटी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की वैधता को सरकार ने दो साल के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने पहले सात साल की वैधता तय की थी जिसे बढ़ा कर नौ साल कर दिया गया है।
सरकार के इस फैसले से छठे चरण में होने वाली शिक्षक बहाली प्रकिया में लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों को सीधा फायदा मिलेगा। सात साल वाली वैधता के नियमों की वजह से इन अभ्यर्थियों को अब तक शिक्षक बहाली प्रकिया में शामिल होने का मौका नहीं मिला था।
गौरतलब है कि 2012 में आयोजित एसटीईटी में 75 हजार ऐसे अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया था। ऐसे अभ्यर्थियों को राज्य सरकार ने ट्रेनिंग लेने को कहा था। सरकार के निर्देश के बाद ट्रेंड होने के बावजूद भी कुछ अभ्यर्थी बच गये थे, जिनका नियोजन नहीं हो पाया था। इस बीच 2019 में प्रमाणपत्र की वैधता खत्म हो गयी थी।