DESK: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों..! इस कहावत को यूपी के अरविंद और ज्योति ने चरितार्थ कर दिखाया है। ज्योति के पिता पान बेचते हैं तो वही अरविंद के पिता फल विक्रेता हैं। ज्योति एसडीएम बनीं है तो वही अरविंद डीएसपी। इस सफलता से दोनों के परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है।
ज्योति चौरसिया ने UP PCS 2022 में 21वां स्थान हासिल कर SDM बन गईं हैं। ज्योति ने अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत यह पद हासिल किया है और अपने परिवार के सपनों को साकार किया है। ज्योति आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सेवा करना चाहती है। ज्योति यूपी के गोंडा जिले की रहने वाली है। जानकी नगर इलाके के लोगों को जब इस बात की जानकारी हुई तो सभी ज्योति और उनके पिता हेमचंद चौरसिया को बधाई देने के लिए घर पहुंचने लगे। संगे संबंधियों का भी आना शुरू हो गया है।
लोगों ने ज्योति को आशीर्वाद दिया और पिता हेमचंद को बिटिया की इस सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं दी। हेमचंद मूल रूप से देवरिया के रहने वाले हैं। 1997 में गोंडा आए और पान की दुकान चलाने लगे। पान की दुकान से ही वे परिवार का भरण पोषण करते थे। हेमचंद का सपना था कि भले ही वे कष्ट कर लेंगे लेकिन बच्चों को पढ़ाएंगे उन्हें काबिल बनाएंगे। आखिरकार हेमचंद का सपना आज उनकी बिटिया ने पूरा कर दिखाया है। हेमचंद को एक बेटा और दो बेटियां है। सभी पढ़ाई लिखाई में तेज हैं।
बेटे संदीप ने कई प्रतियोगिता परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली। घर की हालत ठीक नहीं थी तो वह भी पिता का हाथ बंटाने के लिए पान की दुकान पर बैठने लगा। ज्योति कहती है कि बड़े भाई ने अपने सपने को मेरी सफलता से साकार किया। मम्मी, पापा और भाई ने उनका पूरा साथ दिया था इसी का नतीजा है कि आज उसे SDM का पद हासिल हुआ है। ज्योति ने छठवीं बार में सफलता हासिल की है। ज्योति की इस सफलता से पूरा परिवार काफी खुश है। पिता, मां और भाई-बहन की खुशी का ठिकाना ही नहीं है। परिवार और इलाके के लोग भी उसकी इस सफलता से काफी खुश हैं। बधाई देने का सिलसिला लगातार जारी है।
वही यूपी के मऊ जनपद के नसोपुर क्षेत्र के रहने वाले गोरख सोनकर के बेटे अरविंद सोनकर ने भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बड़ी सफलता हासिल की है। अरविंद को डीएसपी का पद मिला है। गुदड़ी का लाल अरविंद के पिता ठेले पर फल बेचते हैं। बेटे की इस सफलता से वे फूले नहीं समां रहे हैं। परिवार और आस-पड़ोस के लोग घर पर बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। लोगों को तो पहले पता चला कि फल बेचने वाले का बेटा डीएसपी बन गया है तो पहले तो आश्चर्यचकित हुए फिर बधाई देने के लिए उनके घर पर पहुंचने लगे।
अरविंद की सच्ची लग्न और मेहनत का ही नतीजा है कि आज उसने परिवार का नाम रोशन किया है। अरविंद के पिता को जैसे ही इस बात की जानकारी हुई तो वे सबसे पहले जहां वे फलों का ठेला लगाते हैं वहां स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें नमन किया। बताया जाता है कि अरविंद सोनकर की प्रारंभिक शिक्षा रामस्वरुप भारती इंटर कॉलेज में हुई थी जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद से स्नातक पास किया। कुछ दिन पहले ही उनकी मां का निधन हो गया था। अरविंद को इस बात का मलाल है कि शायद आज उनकी माताश्री जीवित होती तो और खुश होती। अरविंद अपने इस सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई और टीचर को देते हैं। अरविंद की इस सफलता से पूरा परिवार और सोनकर समाज काफी खुश है।