Bihar News: बिहार चुनाव से पहले DM-SP बढ़ गई जिम्मेदारी, हर जिले के संवेदनशील इलाकों की पहचान में जुटा प्रशासन Patna News: गांधी मैदान में रावण वध के लिए सुरक्षा टाइट, 128 सीसीटीवी और 13 वाच टावर से होगी निगरानी Bihar News: तेजस्वी यादव समेत चार नेताओं पर FIR, "माई-बहिन मान योजना" के नाम पर महिलाओं से ठगी का आरोप Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज भीषण वर्षा, IMD का अलर्ट जारी Train News: दानापुर-जोगबनी वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया तय, बुकिंग शुरू; यहां देखें पूरी जानकारी कटिहार सदर अस्पताल में सांप के काटने से महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप कायमनगर में महिला चौपाल: सोनाली सिंह ने सुनीं महिलाओं की समस्याएं, दी माई-बहिन मान योजना की जानकारी सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण में उमड़ा जनसैलाब, राजकुमार चौबे बोले..बक्सर बन सकता है अयोध्या-काशी से भी आगे पैतृक गांव महकार में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सादगी से मनाया अपना बर्थडे, हम कार्यकर्ताओं ने दी जन्मदिन की बधाई IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम
1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Sep 2021 07:14:25 PM IST
- फ़ोटो
DESK: अब तक भारत में लगने वाले कोरोना का हर टीका या वैक्सीन का डबल डोज लगवाना पड़ रहा था। लेकिन अक्टूबर से देश में सिंगल डोज का वैक्सीन लगना शुरू हो सकता है। भारत सरकार ने आज इस वैक्सीन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बड़ी बात ये भी है कि इस वैक्सीन का दाम भी बहुत ज्यादा नहीं होगा।
स्पूतनिक लाइट के ब्रिजिंग ट्रायल को मंजूरी
भारत सरकार ने आज रूसी वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के ब्रिजिंग ट्रायल के फेज-3 की मंजूरी दे दी. हम आपको सीधे शब्दों में समझाते हैं कि ब्रिजिंग ट्रायल होता क्या है. दरअसल कोई दवा या टीका अगर दूसरे देश के निवासियों पर सफल साबित हो चुका है तब भी ये देखा जाता है कि हमारे देश की परिस्थितियों में लोगों पर वह किस हद तक कारगर होगा. केंद्र सरकार ने स्पूतनिक लाइट का ब्रिजिंग ट्रायल कराने को कहा है. एक महीने में ये प्रक्रिया पूरी हो जायेगी और उम्मीद है कि अक्टूबर से ये वैक्सीन भारत में लगनी शुरू हो जायेगी।
भारत सरकार की संस्था ट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि स्पूतनिक वैक्सीन बनाने वाली रूस की कंपनी के भारत में पार्टनर हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी ने वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल की मंजूरी मांगी थी. फेज थ्री का ट्रालय ही ब्रिजिंग ट्रायल होता है. इससे पहले रेड्डीज लैबोरेटरी ने स्पूतनिक लाइट से संबंधित दूसरी सारी जानकारी यानि सेफ्टी, इम्युनोजेनेसिटी और एफिकेसी डाटा जमा किया था. सारे कागजातों के मिलने के बाद कंपनी को इसकी इजाजत दी गयी कि वह इसका ट्रायल करे की भारत में ये कितना असरदार होगी.
दुनिया की सबसे असरदार वैक्सीन
गौरतलब है कि स्पूतनिक वी को दुनिया की सबसे असरदार वैक्सीन माना जाता है. कोरोना वायरस पर स्पुतनिक वी 91.6%, कोवीशील्ड 62%-90%, कोवैक्सिन 78%, जॉनसन एंड जॉनसन 66% और मॉडर्ना 95% इफेक्टिव माना जाता है. भारत सरकार ने इसी साल 12 अप्रैल को स्पूतनिक वी वैक्सीन के देश में उपयोग की मंजूरी दी थी. इस रूसी वैक्सीन को भारत समेत दुनिया के 65 देशों ने मंजूरी दी है. हमारे देश के निजी अस्पतालों में ये वैक्सीन लगायी जा रही है.
क्या फर्क है स्पूतनिक वी और स्पूतनिक लाइट में
भारत में पिछले अप्रैल महीने से स्पूतनिक वी टीका लगाया जा रहा है. अब उम्मीद है कि स्पूतनिक लाइट को भी मंजूरी मिल जायेगी. आप को बता दें कि स्पूतनिक वी और लाइट में क्या फर्क है. दरअसल स्पूतनिक लाइट कोई नई वैक्सीन नहीं है. ये पहले से लगायी जा रही स्पूतनिक वी के दो डोजों का पहला डोज ही है. कोवैक्सीन, कोविशील्ड जैसे वैक्सीन में एक ही दवा को टीके के दौर पर दो दफे दिया जाता है लेकिन स्पूतनिक वी के दोनों डोज में अलग-अलग वायरल वेक्टर का इस्तेमाल किया गया है.
रूसी कंपनी स्पूतनिक वैक्सीन बाजार में उतारने के बाद से ही ये पड़ताल करने में लगी थी कि क्या इस वैक्सीन का सिंगल डोज लगाया जा सकता है. इसके लिए ये देखा गया कि स्पुतनिक वी का पहला डोज कितना असरदार है. उसका पूरा डेटा जुटाया गया. रूसी शोध में पाया गया कि स्पूतनिक वी का पहला डोज ही आदमी को 79.4 प्रतिशत इम्यून दे देता है. हमारे देश में लगाये जा रहे कोवीशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज से ज्यादा. भारत में लग रही कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के दो डोज के बाद भी इफेक्टिवनेस 80% से कम है. वहीं, रिसर्च ये कह रहा है स्पूतनिक वी का पहला डोज यानी स्पुतनिक लाइट कोवीशील्ड और कोवैक्सीन से ज्यादा असरदार है.
बेहद असरदार है स्पूतनिक लाइट स्पुतनिक लाइट लगभग 80 परसेंट असरदार है. बेहद खास बात ये है कि वैक्सीन लगवाने वाले सभी लोगों के बॉडी में 10 दिनों के भीतर ही एंटीबॉडीज 40 गुना तक बढ़ जाती है. वैक्सीन लेने वाले हर व्यक्ति में कोरोना वायरस के एस-प्रोटीन के खिलाफ इम्यून भी बना. अच्छी बात ये भी है कि स्पूतनिक लाइट को 2 से 8 डिग्री टेम्प्रेचर पर स्टोर किया जा सकता है. इसके लिए बेहद कम तापमान की जरूरत नहीं है और इससे ये आसानी से ट्रांसपोर्ट हो सकेगा. जिन लोगों को पहले कोरोना इन्फेक्शन हो चुका है, उन पर भी यह वैक्सीन असरदार है. शोध करने वालों का दावा है कि ये वैक्सीन कोविड के सारे वैरिएंट्स पर बेहद असरदार है.