PATNA: नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल के छात्रों ने एक ऐसा मशीन डिजायन किया है जो फसल काटने के समय उसे जड़ से उखाड़ देगा. अभी तक हार्वेस्टिंग के दौरान धान की फसल काटने के बाद खेतों में पराली बच जाता है. जिसे किसान जला देते हैं. इससे प्रदूषण होता है और खेत की ऊर्वरा क्षमता भी प्रभावित होती है. इस यंत्र को डिजायन करने वाले सौरभ, अंकित, पुष्पंजय और महफूज हैं.
इन छात्रों ने पिछले दिनों संस्थान में हुए एक दिवसीय सेमिनार में अपने मशीन की प्रस्तुति दी और प्रथम पुरस्कार जीता. सेमिनार का विषय था, ‘एप्लीकेशन्स ऑफ इंजीनियरिंग इन बॉयोमेडिकल एंड एग्रीकल्चर’ इस सेमिनार में बॉयो मेडिकल एंड कृषि क्षेत्र की सहायता करने वाले इंजीनियरिंग पर चर्चा हुई. सेमिनार में संस्थान में छात्र-छात्राओं के 16 ग्रुप भाग लिया और बॉयो मेडिकल और कृषि क्षेत्र को सहायता करनेवाले इंजीनिरिंग पर प्रस्तुती दी. दूसरा स्थान पानेवाले छात्रों की टीम ने कृषि से संबंधित एप बेस्ड डिजायन प्रदर्शित किया. इस टीम में मैकेनिकल और दूसरे विभाग के छात्र थे. दूसरा स्थान पानेवाले टीम में आदित्य, रवि और अंकित शामिल हैं.
तीसरा स्थान कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों ने हासिल किया. इन छात्रों ने बताया कि मेडिकल इंडस्ट्री में इंजीनियरिंग के क्या-क्या एप्लीकेशन है. उन्होंने उदाहरण स्वरूप ‘एमआरआई’ के बारे में बताया. सेमिनार में एनएसआईटी की ही पुष्पम सिन्हा लेक्चर भी दिया. जिसमें उन्होंने एमआरआई के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कैंसर जैसे रोग से लड़ने में क्या-क्या इंजीनियरिंग एप्लीकेशन हैं. सेमिनार में डीन एकेडमिक अनिकेत दत्त भी मौजूद थे. छात्रों को एनएसआईटी के रजिस्ट्रार कृष्ण मुरारी ने बधाई दी. कहा ऐसे डिजायन को धरातल पर लाना चाहिए ताकि देश की एक बड़ी समस्या का समाधान हो सके.