विधान परिषद में गूंजा नियोजित शिक्षकों का मामला : ट्रांसफर सुविधा न होने से तेजी से टूट रहे हैं रिश्ते, तलाक तक पहुंच रहा हालात

विधान परिषद में गूंजा नियोजित शिक्षकों का मामला :  ट्रांसफर सुविधा न होने से तेजी से टूट रहे हैं रिश्ते, तलाक तक पहुंच रहा हालात

PATNA : समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर पहले से ही परेशान चल रहे नियोजित शिक्षक के सामने अब एक नई समस्या आ रही है. एक जिला से दूसरे जिला में ट्रांसफर नहीं हो पाने का असर अब नियोजित शिक्षकों के रिश्तों पर पड़ने लगा है.

ट्रांसफर नहीं होने की वजह से नियोजित शिक्षकों का रिश्ता टूटने लगा है. आज नियोजित शिक्षकों का मुद्दा विधान परिसद में भी गूंजा. विपक्ष के एमएलसी केदार पांडेय और सत्ता पक्ष के ही एमएलसी नवल किशोर ने आज विधान परिषद में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अंतर जिला ट्रांसफर की सुविधा नहीं होने के कारण नियोजित शिक्षकों के रिश्तों में तलाक की सनस्या तेजी से बढ़ रही है. जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार इसके समाधान के लिए प्रयास कर रही है. नियोजित शिक्षकों के सेवा सर्त के निर्धारण हेतु समिति गठित है. 


शादी के पहले अपने गृह जिला में नियोजन हुआ, लेकिन अब जब शादी दूसरे जिले में हुई तो शिक्षिकाएं ट्रांसफर करवाकर ससुराल में रहना चाहती हैं. लेकिन ट्रांसफर की सुविधा नहीं होने से नौकरी छोड़ने को मजबूर हो रही हैं और जो नौकरी नहीं छोड़ रहीं उनके रिश्ते टूट रहे हैं. मामला तलाक तक पहुंच जा रहा है. नौकरी के साथ-साथ रिश्ते बचाने के लिए आये दिन शिक्षिकाएं जिला शिक्षा कार्यालय में आवेदन दे रही हैं. पर इसका कोई समाधान नहीं सामने आ रहा है. हर जिले में 15 से 20 आवेदन हर दो महीने पर डीईओ कार्यालय आ रहे है. 

बता दें कि नियोजित शिक्षकों को अंतर जिला ट्रांसफर की सुविधा नहीं है. केवल एक ही नियोजन इकाई अंतर्गत एक स्कूल से दूसरे स्कूल में ट्रांसफर हो सकता है.