ब्रेकिंग न्यूज़

India Pakistan War: अपना ही ड्रोन गिराकर उसे चप्पलों से पीटने वाला विश्व का पहला मुल्क बना पाकिस्तान NTPC Kahalgaon: भारत-पाक तनाव के बीच हाई अलर्ट पर भागलपुर NTPC, सघन जांच जारी Shivangi Singh: कौन हैं भारत की एकमात्र महिला राफेल पायलट शिवांगी सिंह? भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच खूब हो रही चर्चा Bihar News: बिहार के इस विश्वविद्यालय में होगी वास्तु शास्त्र की पढ़ाई, वैदिक एस्ट्रोनॉमी समेत ये कोर्स भी होंगे उपलब्ध India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा फैसला, जानिए.. India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा फैसला, जानिए.. Civil Defence Volunteer: युवाओं को देशसेवा और रोजगार दोनों का अवसर,जानिए इतिहास Bihar Crime News: कुल्हाड़ी से गर्दन काट कर शख्स की बेरहमी से हत्या, गंगा किनारे शव मिलने से सनसनी Indian air strike defence: पहले ड्रोन हमले नाकाम किए, फिर पाकिस्तान को दी करारी जबाब! सेना ने दी जानकारी Bihar Crime News: फायरिंग के बाद बाल-बाल बचे राजद नेता, अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस

नीतीश सरकार ने बिहार में साईकिल को विकास का मॉडल बना दिया, वर्ल्ड साइकिल डे पर खास रिपोर्ट

1st Bihar Published by: Updated Wed, 03 Jun 2020 06:36:47 PM IST

नीतीश सरकार ने बिहार में साईकिल को विकास का मॉडल बना दिया, वर्ल्ड साइकिल डे पर खास रिपोर्ट

- फ़ोटो

PATNA : आज वर्ल्ड साईकिल डे है. इस मौके पर बात करते हैं बिहार में विकास का मॉडल बन चुके साइकिल की. साल 2005 में बिहार की सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार ने जिन विकास योजनाओं पर काम किया, उसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय योजना बालिका साइकिल योजना रही. शुरुआत में सरकार ने केवल छात्राओं को साइकिल दी. लेकिन बाद के दिनों में जब छात्रों की तरफ से मांग उठने लगी, तो नीतीश सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं दोनों को साइकिल देने की शुरुआत कर दी. मुख्यमंत्री को 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने उन्हें इस योजना के कारण हाथों हाथ लिया.


2007 में मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की गई थी और अब तक इस योजना के तहत 70 लाख 10 हजार 387 छात्राओं को साइकिल मुहैया कराया जा चुका है. सरकार ने छात्राओं को साइकिल देने के लिए 1733 करोड़ 17 लाख 81 हजार 500 खर्च किए हैं. बालिका साइकिल योजना के 2 साल बाद 2009 में छात्रों को साइकिल देने की शुरुआत हुई थी. अब तक राज्य में 62 लाख 20 हजार 769 छात्रों को साइकिल दिया जा चुका है और सरकार ने इस पर 1518 करोड़ 88 लाख 37 हजार रुपए खर्च किए हैं. अगर दोनों आंकड़ों को जोड़ दें तो नीतीश सरकार ने बिहार में एक करोड़ 32 लाख 31 हजार साइकिल छात्र-छात्राओं को दिए हैं और इस पर 3253 करोड़ 6 लाख 18 हजार 500 की राशि खर्च हुई है.


बिहार में सरकार की तरफ से चलाई गई साइकिल योजना की सफलता की कहानी बड़ी स्वर्णिम है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री जहां कहीं भी गए, उन्होंने इस योजना की चर्चा पिछले डेढ़ दशक में लगातार की है. सरकार की तरफ से दी गई साइकिल से स्कूली बच्चों को आते-जाते सड़कों पर देखा जा सकता है. बात के समय में नीतीश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को अन्य राज्यों ने भी अपनाया है.


बिहार सरकार ने साइकिल को विकास का मॉडल बना दिया और आज वर्ल्ड साईकिल डे पर सरकार इसी मॉडल को याद कर रही है. बिहार सरकार के सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने साइकिल डे के मौके पर विरोधियों को आईना दिखा दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अधूरी साइकिल योजना पर उन्होंने सरकार के आंकड़ों के साथ तंज भी कैसा है. वहीं बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बिहार में साइकिल की सक्सेस स्टोरी को आंकड़ों में बयां किया है. संजय कुमार झा ने कहा है कि 2006 में बालिका साइकिल योजना शुरू की गई थी और इसके बाद छात्राओं में पढ़ाई की ललक पैदा हुई. 2005 में मैट्रिक के परीक्षा में 1.87 लाख छात्राएं शामिल थी जो 2019 में 8.26 लाख हो गईं.


छात्राओं की बढ़ती तादाद इस बात का सबूत है कि बिहार में साइकिल ने घर से लेकर स्कूलों तक की दूरी छात्राओं के लिए कम कर दी. संजय झा बताते हैं कि 2005 में बिहार की राजधानी पटना में भी लड़कियां खुलेआम साइकिल नहीं चलाती थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. 2006 के बाद समाज में बड़ा बदलाव आया है और अब गांव-गांव में लड़कियां आराम से साइकिल पर स्कूल जाती है. बिहार में योजनाओं पर सियासत तो हमेशा होती है लेकिन हकीकत यह है कि साइकिल योजना ने बिहार के इतिहास में एक ऐसा पन्ना जोड़ा है, जिसकी कहानी आगे कई वर्षों तक याद रखी जाएगी.