नीतीश की पार्टी का हाल देखिये: बिना जनाधार के मध्यप्रदेश में कांग्रेस से सीट मांगी, हाथ ने नहीं दिया साथ तो अपने उम्मीदवार उतारे

नीतीश की पार्टी का हाल देखिये: बिना जनाधार के मध्यप्रदेश में कांग्रेस से सीट मांगी, हाथ ने नहीं दिया साथ तो अपने उम्मीदवार उतारे

DELHI: ये बात वाकई दिलचस्प है. नीतीश की पार्टी जेडीयू का जिस राज्य में जेडीयू का कभी कोई विधायक तो छोड़िये, वार्ड काउंसलर नहीं जीता हो, वहां अपनी दावेदारी ठोंक दी. जेडीयू ने मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से पांच सीट देने की मांग की थी. कांग्रेस ने जब कोई नोटिस नहीं लिया तो जनता दल यूनाइटेड ने अपने दम पर मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने  का एलान कर दिया है. जेडीयू ने मध्य प्रदेश में पांच उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. अभी और उम्मीदवार घोषित किये जायेंगे.


जेडीयू के महासचिव अफाक अहमद खान ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पांच उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इसमें पिछौर से चंद्रपाल यादव, राजनगर से रामकुंवर रेकवार, विजयराघव से शिवनारायण सोनी, थांडला से टोल सिंह भूरिया और पेटलावाड़ से रामेश्वर सिंहवार का नाम शामिल है.


फर्स्ट बिहार से बात करते हुए जेडीयू के महासचिव अफाक अहमद खान ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी पार्टी की बातचीत कांग्रेस से चल रही थी. लेकिन सीटों का तालमेल नहीं हो पाया. ऐसे में पार्टी ने अपने बूते चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. अफाक अहमद खान ने कहा कि अभी पहली सूची जारी की गयी है, जेडीयू कम से कम 15 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने दावा कि इन सीटों पर जेडीयू की स्थिति मजबूत है.


बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का तालमेल कांग्रेस से नहीं हो पाया था. हालांकि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का एक विधायक है. सपा वहां कांग्रेस से 6 सीटें मांग रही थी. कांग्रेस ने शुरूआती बातचीत के बाद सपा के लिए सीट छोड़ने से इंकार कर दिया. इससे नाराज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सबक सिखा देने का एलान कर दिया था.


लेकिन मध्य प्रदेश में जेडीयू की दावेदारी अजीबोगरीब थी. कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि मध्यप्रदेश में जेडीयू का क्या आधार है, जो उसके लिए सीट छोड़ी जाती. जेडीयू ने कांग्रेस तक संदेशा पहुंचाया था कि उसे कम से कम दो सीट भी दी जाये. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने नीतीश कुमार की पार्टी का नोटिस लेने तक से इंकार कर दिया था.