PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके पुराने सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच रिश्ता बड़ा ही खास रहा है। इस रिश्ते में कभी दूरी भी देखने को मिली है, खटास भी तो कभी नज़दीकियां भी। महागठबंधन को अलविदा कह एनडीए में बात की थी तो उनके सबसे बड़े पैरोकार बने थे नीतीश कुमार। नीतीश कुमार के कारन ही मांझी की एनडीए में वापसी हुई थी और मांझी को विधानसभा चुनाव में जो सीटें मिली वह भी नीतीश के दम पर ही। लेकिन मांझी अब एक बार फिर से नीतीश कुमार की कमजोर सियासी नस को दबाने लगे हैं।
जी हां पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से जिस तरह शराबबंदी को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, उसे देखकर ऐसा ही लगता है। जीतन राम मांझी इस बात को भलीभांति जानते हैं कि नीतीश कुमार किसी भी कीमत पर शराबबंदी कानून से पीछे नहीं होंगे। इसके बावजूद वह शराब बंदी कानून में रियायत देने की मांग कर रहे हैं।
हम की राष्ट्रीय परिषद आज
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज होनी है। हम की राष्ट्रीय परिषद वाल्मीकि नगर में आयोजित की गई है। मांझी इसमें शामिल होने के लिए बुधवार को ही वाल्मिकीनगर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा उनके बेटे और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन भी वाल्मीकि नगर में हैं। पार्टी के तमाम वह नेता जो राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हैं वह वाल्मीकि नगर में कैंप कर रहे हैं।
आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मांझी अपनी पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा और एजेंडा तय करेंगे। हालांकि सबसे ज्यादा नजर जीतन राम मांझी के उस फैसले पर होगी जो शराब बंदी कानून से जुड़ा हुआ है। जीतन राम मांझी यह कह चुके हैं कि बिहार में शराबबंदी कानून में ऐसे बदलाव किए जाने चाहिए जिससे गरीबों को परेशानी ना हो। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद में शराबबंदी कानून को लेकर क्या वाकई कोई प्रस्ताव आता है और मांझी इस पर आगे बढ़ पाते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
बैठक से पहले क्या बोले मांझी
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के ठीक पहले वाल्मीकि नगर पहुंचे जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून और बिहार में इस अभियान को लेकर बड़ी बातें कहीं हैं। मांझी ने एक बार फिर खरी-खरी सुनाते हुए कह दिया है कि बिहार में अफसर से लेकर जज और नेता रोज शराब पीते हैं, लेकिन गरीबों को जेल भेज दिया जाता है। पूर्व सीएम और बिहार सरकार में साझीदार जीतन राम मांझी ने फिर से नीतीश कुमार की शराबबंदी की पोल खोली है। मांझी बुधवार को फिर से बोले कि बिहार में कौन नहीं जानता कि नेता, अफसर और जज जैसे बड़े लोग शराब पीते हैं। लेकिन गरीबों को 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी जेल भेज दिया जाता है।
मांझी ने कमजोर वर्ग के लोगों को सलाह दी-ज्यादा नहीं लिमिटेड मात्रा में शराब पीओ और घर में सो जाओ, बाहर मत निकलो। मांझी ने कहा कि शराब के बारे में क्या स्थिति है ये बिहार के लोग जानते हैं। मांझी बोले-मुझे जितनी भी प्रताड़ना दी जाये, मुझे कितनी भी सजा दी जाये लेकिन मैं कहूंगा कि बिहार में बड़े लोग जैसे ठेकेदार, इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस, जज जैसे लोग अपने घर में बंद होकर शराब पीते हैं।
वे रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं और दुनिया नहीं जानती कि वे पी रहे हैं। इसलिए हम गरीबों से वही कहते हैं कि क्यों पीकर इधर उधर करते हो, तुम लिमिट में पीओ जैसे बड़े लोग पीते हैं। तुम पीकर बाहर निकलते हो तभी पकड़ाते हो। बड़े लोगों की तरह लिमिट में पीओ और घर में सो जाओ। सुबह उठकर अपने काम पर लग जाओ। हालांकि मांझी को मीडिया का डर भी सता रहा था। उन्होंने कहा कि वे कुछ और इरादे से बात कहते हैं लेकिन मीडिया दूसरे तरीके से बात चला देता है। इससे उनकी भद्द पिट जाती है। वे शराबबंदी के विरोधी नहीं है। शराबबंदी ठीक है लेकिन इसमें बड़े और छोटे लोगों के लिए अलग-अलग नीति है। गरीबों को तो 50 मिलीलीटर के लिए भी जेल भेज दिया जाता है और बड़े लोग मजे से शराब पी रहे हैं।