नीतीश के यूपी से चुनाव लड़ने पर BJP का तंज, कहा - फूलपुर नहीं पाकिस्तान से लड़ें चुनाव, JDU बोली ... हर जगह से नीतीश कुमार की जीत पक्की

नीतीश के यूपी से चुनाव लड़ने पर BJP का तंज, कहा - फूलपुर नहीं पाकिस्तान से लड़ें चुनाव, JDU बोली ... हर जगह से नीतीश कुमार की जीत पक्की

PATNA : नीतीश कुमार राष्ट्रीय नेता हैं और कहीं से चुनाव लड़ सकते हैं। नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे तो जीतेंगे भी। आजतक वो कोई चुनाव हारे हैं क्या ? लेकिन सही समय पर फैसला उनके चुनाव लड़ने का होगा। यह बातें नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजेंद्र यादव ने कही है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर हमला किया है। 


बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि - कार्यकर्ता को मांग करने का हक है। लेकिन समय पर निर्णय लिया जाएगा। नीतीश कुमार राष्ट्रीय नेता हैं और कहीं से चुनाव लड़ सकते हैं।  साथ ही उन्होंने दावा किया है कि नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे तो जीतेंगे भी, लेकिन सही समय पर फैसला उनके चुनाव लड़ने का होगा। उत्तर प्रदेश नरेंद्र मोदी का गढ़ नहीं ह।  उनका गढ़ गुजरात में था फिर क्यों चुनाव लड़ने के लिए बनारस आ गए? अगर चुनाव कोई नहीं जीतेगा मोदी के सिवाए तो क्या हमलोगों को सन्यास ले लेना चाहिए? नीतीश कहीं से भी चुनाव लड़ें उनकी जीत सुनिश्चित है। 


वहीं, इस पुरे मामले को लेकर भाजपा के नेता निखिल आनंद ने कहा है कि -  नीतीश कुमार चुनाव लड़ने से डरते हैं। 1977 में जब जनता पार्टी के आंदोलन में जितने लोग सक्रिय रहे सभी ने चुनाव जीता। लेकिन,  नीतीश कुमार चुनाव हार गए। 1980 में चुनाव हार गए।  1985 में वो पहली बार चुनाव जीते।  2005 में जब वो भारतीय जनता पार्टी के कंधे पर बैठकर मुख्यमंत्री बने तब से उन्होंने कोई विधानसभा या लोकसभा का नहीं लड़ा और अब तो लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठ गए हैं। इन दिनों लालू की गोद में बैठकर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का सपना देखने देख रहे हैं। 


अब चाहे नीतीश कुमार बिहार से लालू यादव की गोद में बैठकर चुनाव लड़ें या अखिलेश यादव के कंधे पर बैठकर यूपी से चुनाव लड़ लें क्या फर्क पड़ता है। 1977 में जब जनता पार्टी के आंदोलन में जितने लोग सक्रिय रहे सभी ने चुनाव जीता। नीतीश कुमार चुनाव हार गए। 1980 में चुनाव हार गए 1985 में वो पहली बार चुनाव जीते। 2005 में जब वो भारतीय जनता पार्टी के कंधे पर बैठकर मुख्यमंत्री बने तब से उन्होंने कोई विधानसभा या लोकसभा का नहीं लड़ा. और अब तो लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठ गए हैं। 


इन दिनों लालू की गोद में बैठकर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का सपना देखने देख रहे है। अब चाहे वो बिहार से लालू यादव की गोद में बैठकर चुनाव लड़ें या अखिलेश यादव के कंधे पर बैठकर यूपी से चुनाव लड़ लें क्या फर्क पड़ता है। क्या फिर इन दिनों इनकी पार्टी एक जाती विशेष को लेकर एक कार्यक्रम शुरू कर किया है। अब उन्हीं को लेकर वो पाकिस्तान से चुनाव लड़ लेना चाहिए।