नीतीश के जनता दरबार में पहुंचे 66 फरियादी, सरकारी सिस्टम की पोल खोलती रही शिकायतें

नीतीश के जनता दरबार में पहुंचे 66 फरियादी, सरकारी सिस्टम की पोल खोलती रही शिकायतें

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार कार्यक्रम में आज कई महत्वपूर्ण विभागों से जुड़ी शिकायतें लेकर कुल 66 फरियादी पहुंचे। ज्यादातर मामले ऐसे थे जिसमें सरकारी सिस्टम की पोल खुलती दिखी। इस दौरान सीएम नीतीश भी कभी सख्त दिखे तो कभी नरम।


सीएम नीतीश ने जनता दरबार में आज कुल 66 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। जनता दरबार में आज सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, गन्ना उद्योग विभाग एवं विधि विभाग से जुड़े मामलों की सुनवाई हुई। 


सुपौल जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे गांव में सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। पहले से हमलोग इसको लेकर गुहार लगा रहे हैं बावजूद सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पश्चिम चंपारण जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा बिजली बिल अधिक आया जिसकी शिकायत हमने की मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुयी है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।


औरंगाबाद जिला से आए एक युवक ने कहा कि मेरे पिता जी भू-अर्जन पदाधिकारी थे जिनकी मृत्यु नौकरी के दौरान ही वर्ष 1993 में हो गई थी। मेरी मां लगातार विभाग के चक्कर काटती रही मगर आज तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली वहीं जमुई जिले से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 1978 में मेरे पिता जी की मृत्यु हो गई थी मगर आज तक अनुकंपा के आधार पर मुझे नौकरी नहीं मिल सकी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 


मधेपुरा जिला से आए एक दिव्यांग ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरे आमदनी का कोई जरिया नहीं है। जन वितरण प्रणाली का लाइसेंस मुझे निर्गत करने का आदेश दिया जाए, इसके लिए हमने संबंधित अधिकारियों से गुहार भी लगायी ताकि मैं अपना जीविकोपार्जन कर सकूं। वहीं भागलपुर से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि जन वितरण प्रणाली में उसने अपना आवेदन दिया था, सूची में उसका नाम प्रथम स्थान पर आया फिर भी उसको दुकान आवंटित नहीं किया गया और कम अंक पानेवाले को अलॉट कर दिया गया । मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को जांचोपरांत उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।