PATNA: बिहार में नई सरकार बनने के बाद से ही सरकार में शामिल कांग्रेस को छोड़ अन्य सभी दलों के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का भावी प्रधानमंत्री बताते रहे हैं। खुद जेडीयू के नेता भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे थे लेकिन इसी बीच कांग्रेस के बड़े लीडर कमलनाथ ने दावा किया कि राहुल गांधी 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के चेहरा होंगे। कमलनाथ के इस दावे के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। बिहार बीजेपी के नेता एक बार फिर से नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं। बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार अपने बल पर आजतक बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाएं तो देश का प्रधानमंत्री क्या बनेंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि नीतीश का पीएम बनना पॉलिटिकल कॉमेडी से ज्यादा कुछ नहीं।
पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा है कि जो आदमी आजतक अपनी बदौलत मुख्यमंत्री नहीं बन पाया वह देश का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है। नीतीश 17 साल के कार्यकाल में एक बार भी अपने बल पर सीएम नहीं बन पाए, हर बार उन्हें किसी न किसी के मदद की जरुरत पड़ी। उन्होंने कहा कि नीतीश के पीएम उम्मीदवार बनने की बात को बीजेपी एक राजनीतिक मजाक के रूप में देखती है। खुद अपने मुंह से कोई व्यक्ति यह कह दे कि वह देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बन रहा है तो वह ख्याली पुलाव पकाता रहे, इससे बीजेपी कोई इत्तेफाक नहीं रखती है। नीतीश कुमार आजतक अपने बल पर कभी सीएम तो बन नहीं सके देश के पीएम क्या बनेंगे।
वहीं जेडीयू के यह दावा करने पर कि जिस तरह से बिहार का विकास हुआ है उसी तरह से देश का विकास करेंगे, इसपर जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार में कौन सा ऐसा काम हो गया है जो जेडीयू पूरे देश में करने की बात कह रही है। नीतीश कुमार और उनके जितने भी लोग हैं उनकी छाती पर सांप लोट रहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश का गरीब से गरीब व्यक्ति भी लाभान्वित हो रहा है। इन लोगों ने क्या ऐसा कर दिया है, 17 साल के भीतर अगर कोई एक आदमी किसी एक राज्य का मुखिया रहे और इसके बाद भी वह राज्य विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल न हो पाए, इससे बड़ी शर्मिंगदी की बात क्या होगा।
वहीं इस सवाल पर कि बीजेपी भी 17 वर्षों तक नीतीश के साथ सत्ता में रही, इसपर जीवेश मिश्रा ने कहा कि 17 सालों तक नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहे, बीजेपी ने उन्हें बिहार के हित के लिए समर्थन देने का काम किया। बिहार में 2005 से पहले जो जंगलराज और आतंक का माहौल था, उसको रोकने के लिए बीजेपी ने नीतीश कुमार को सहयोग देकर आगे किया था। पहले पांच साल नीतीश कुमार की सरकार में काम जरूर हुआ लेकिन उसके बाद से सरकार की कोई भी बड़ी उपलब्धि नहीं रही। नीतीश ने जो किया उसका बीजेपी ने समर्थन किया लेकिन जब विरोध करना शुरू किया तो सरकार से अलग हो गए। बीजेपी के मंत्री बिहार और बिहार की जनता के हित में काम करना चाह रहे थे, यह बात नीतीश कुमार को पसंद नहीं आई और उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया।