PATNA : सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के जरिए केंद्र सरकार ने भले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में जातीय जनगणना नहीं कराई जाएगी लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड इस मसले पर कोई कड़ा स्टैंड नहीं ले पा रहे हैं। नीतीश कुमार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड फिलहाल आंदोलन के लिए तैयार नजर नहीं आ रही। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश का इंतजार किए बगैर जातीय जनगणना के मसले पर आंदोलन की रूपरेखा तय करने का मन बना लिया है। पिछले दिनों आरजेडी की बैठक को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव ने भी इस बात का एलान किया था।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयानों से पहले ही स्पष्ट है कि उनकी पार्टी इस मसले पर आंदोलन करेगी। आरजेडी में आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। आगामी 4 और 5 अक्टूबर को आरजेडी के जिलाध्यक्षों के साथ साथ प्रधान महासचिवों और प्रखंड अध्यक्षों की बैठक के पटना में बुलाई गई है। आधिकारिक तौर पर इन सभी को पार्टी के प्रशिक्षण शिविर के लिए बुलाया गया है लेकिन इसी दौरान जातीय जनगणना को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय होगी।
आपको बता दें कि जातीय जनगणना के मसले पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ खड़े रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार विधानमंडल का शिष्टमंडल जब प्रधानमंत्री से मिलने गया तो वहां भी तेजस्वी नीतीश कुमार के साथ थे। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के सामने खुद कहा कि वह तेजस्वी के कहने पर उनसे मिलने आए हैं। हालांकि इस मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकला और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए स्पष्ट कर दिया कि जातीय जनगणना नहीं कराई जा सकती। अब देखना होगा कि तेजस्वी इस मसले पर आंदोलन कर बढ़त ले लेते हैं या जेडीयू भी उनके पीछे आता है।