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1st Bihar Published by: Updated Thu, 01 Jul 2021 08:05:15 PM IST
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PATNA : बिहार सरकार में मंत्रियों की हैसियत क्या है, ये मदन सहनी ने आज बता दिया. मदन सहनी ने मीडिया से कहा कि अफसरशाही का हाल ऐसा है कि सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी उनका फोन नहीं उठाते. इस्तीफा देने का एलान करने वाले मदन सहनी ने कहा कि उन्होंने चंचल कुमार को कई दफे कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
बिहार की बेलगाम अफसरशाही
दरअसल अफसरशाही से तंग आकर मंत्री मदन सहनी ने गुरूवार को इस्तीफे का एलान कर दिया है. मंत्री ने कहा कि उनके विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद की तानाशाही के सामने उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. वे विभाग में कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. प्रधान सचिव कुछ सुनने को तैयार नहीं है. वे मंत्री का कोई आदेश नहीं मान रहे हैं.
सीएम के प्रधान सचिव फोन नहीं उठाते
दरअसल मदन सहनी से ये पूछा गया कि उन्होंने इस मामले को नीतीश कुमार के संज्ञान में क्यों नहीं लाया. मदन सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार को सब मालूम है. वे उन्हें क्या सब बताते रहे. हां, उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार को कई दफे कॉल किया था. विभाग में चल रही चीजों की जानकारी देने के लिए. लेकिन चंचल कुमार ने उनका फोन रिसीव नहीं किया औऱ ना ही कॉल बैक किया.
इसके बाद ही उन्होंने इस्तीफा देने का मन बनाया. मदन सहनी ने कहा कि सरकार का फैसला है कि मंत्री के स्तर पर जून में विभागीय ट्रांसफर पोस्टिंग होती है. तीन दिन पहले उन्होंने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद के पास ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल भेजी थी. लेकिन अतुल प्रसाद ने फाइल को दबा दिया. नियम के मुताबिक मंत्री की अनुमति के बाद प्रधान सचिव को ट्रांसफर पोस्टिंग की अधिसूचना निकालनी होती है लेकिन अतुल प्रसाद ने कुछ नहीं किया. मदन सहनी ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड कर देना चाहिये लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
पहले भी अधिकारियों से मदन सहनी का होता रहा है विवाद
वैसे ये पहला मामला नहीं है जब मदन सहनी का अधिकारियों से विवाद हुआ है. पिछली सरकार में वे खाद्य आपूर्ति मंत्री हुआ करते थे. विभाग के तत्कालीन सचिव पंकज कुमार से उनका काफी दिनों तक विवाद चला था. अंत में मदन सहनी ने मुख्यमंत्री को पीत पत्र भेज दिया था. पीत पत्र में मंत्री ने आरोप लगाया था कि विभाग के सचिव अनाज ढ़ोने वाले ट्रक औऱ जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों से भी पैसा वसूल रहे हैं. मंत्री के इस पीत पत्र के बाद नीतीश कुमार को मजबूरन सचिव पंकज कुमार को हटाना पड़ा था. हालांकि पंकज कुमार सीएम आवास के बेहद करीबी अधिकारी माने जाते थे.