PATNA : मानव श्रृंखला बनाने में एक्सपर्ट नीतीश सरकार एक बार फिर से ह्यूमेन चेन के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करेगी। बिहार में 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला पर राज्य सरकार की तरफ से 19 करोड़ 44 लाख की राशि खर्च की जाएगी। इस खर्च के प्रस्ताव को आज नीतीश कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।
इससे पहले जल जीवन हरियाली, नशामुक्ति और दहेज तथा बाल विवाह उन्मूलन के पक्ष में 19 जनवरी 2020 को बनने वाली राज्यव्यापी मानव शृंखला को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों के नाम चिट्ठी लिखी थी।मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार के लोगों ने नशामुक्ति के पक्ष में 21 जनवरी, 2017 को दुनिया की सबसे बड़ी मानव शृंखला बनायी। फिर सामाजिक कुरीति दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन के लिए 21 जनवरी 2018 को सबसे लम्बी मानव शृंखला की सफलता दोहरायी। एक बार फिर बिहार के लिए इतिहास रचने का मौका है। अब दोनों मुद्दों के साथ हमें पर्यावरण के प्रति जनचेतना को प्रदर्शित करना है। एक बार फिर हम अपने लिए, अपने बच्चों के लिए, बिहार की भावी पीढ़ी के लिए 19 जनवरी 2020 को सुबह 11.30 बजे से हाथों में हाथ थाम कर दुनिया को जल जीवन हरियाली का संदेश दें। विशाल मानव शृंखला बनाकर नया कीर्तिमान गढ़ें।
बता दें कि साल 2017 में नशामुक्ति और और 2018 में कुरीति दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन के लिए मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया था। जिसपर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए थे। इन मौकों पर बिहार जैसे गरीब राज्य में मानव श्रृंखला के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने पर सवाल उठे थे।
2017 में मानव श्रृंखला जब बनी थी तो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी भी सरकार में शामिल थी। तब लालू खुद नीतीश के साथ हाथ में हाथ डाले गांधी मैदान में मानव श्रृंखला में खड़े हुए थे । बीजेपी ने तब खर्च को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। लेकिन साल 2018 में जब नीतीश लालू से अलग हो बीजेपी के साथ चले गए तो इस बार की विपक्ष आरजेडी ने मानव श्रृंखला पर सवाल खड़े किए थे।