नीति आयोग की SDG रैंकिंग में बिहार सबसे नीचे, लालू और तेजस्वी ने कसा तंज, कहा- बिहार को नीचे से टॉप करा ही दिया

नीति आयोग की SDG रैंकिंग में बिहार सबसे नीचे, लालू और तेजस्वी ने कसा तंज, कहा- बिहार को नीचे से टॉप करा ही दिया

DESK: RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीति आयोग द्वारा गुरुवार को जारी SDG इंडिया इंडेक्स 2020-21 यानि राज्यों के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक की रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार पर तंज कसते हुए हमला बोला। इसमें केरल टॉप पर है जबकि बिहार की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है। 


आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए ट्वीट कर तंज कसा कि बधाई हो! आखिरकार 16 वर्षों की बिहारनाशक मेहनत से बिहार को नीचे से टॉप करा ही दिया। वहीं तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर तंज कसते हुए कहा कि इस बेहद खराब प्रदर्शन के लिए डबल इंजन सरकार के ड्राइवर को बहुत बधाई। केरल ने भाजपा को एक भी सीट नहीं दी और उसने पहली रैंक हासिल की है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों को 40 में से 39 सीट देने वाला बिहार का प्रदर्शन खराब है।



नीति आयोग की SDG रैंकिंग में बिहार का स्थान सबसे नीचे आने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी बिहार सरकार पर हमला बोला। तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी की सत्तालोलुप अदूरदर्शी नीतियों, गलत निर्णयों और अक्षण नेतृत्व के कारण बिहार लगातार तीसरे वर्ष भी नीति आयोग की रिपोर्ट में सबसे फिसड्डी प्रदर्शन के साथ सबसे निचले पायदान पर है। 




 

गुरूवार को नीति आयोग की ओर से सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक यानी कि SDG इंडिया इंडेक्स 2020-21 जारी किया गया. एसडीजी मतलब सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की रैंकिंग में बिहार तलहटी पर है. विकास के मामले में बिहार ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. जबकि 75 के स्कोर के साथ केरल का प्रदर्शन पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ है.  


गुरुवार को भारत के एसडीजी इंडेक्स का तीसरा संस्करण नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने लांच किया. नीति आयोग की ओर से जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स के मुताबिक केरल के अलावा  हिमाचल प्रदेश और तमिलानाडु का परफॉरमेंस बेस्ट है. ये दोनों राज्य 74 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर हैं. जबकि बिहार मात्र 52 के स्कोर के साथ देश में सबसे निचले स्थान पर है. यानी कि बिहार की स्थिति विकास के मामले में देश में सबसे ख़राब है. बिहार राज्य झारखंड, असम, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और ओड़िसा जैसे राज्यों से भी बहुत पीछे है. 


एसडीजी रैंकिंग के मुताबिक बिहार विकास की रेस में सबसे पिछड़ा राज्य है. स्वास्थ्य से लेकर पढ़ाई या फिर गरीबी से लेकर भुखमरी में बिहार देश के अन्य राज्यों से काफी पीछे है. आर्थिक वृद्धि, स्वच्छ ऊर्जा, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बिहार फेल है. जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स देश के राज्यों एयर केंद्र शासित प्रदेशों के विकास के बारे में बताता है. इससे पता चलता है कि विकास के पायदान पर कौन राज्य पिछले साल के मुकाबले कहां पहुंचा है. इसमें यह भी पता चलता है कि पिछले एक साल में राज्यों ने अलग-अलग क्षेत्रों में कितनी प्रगति की है. और इन सभी मापदंडों पर बिहार बाकि के अन्य राज्यों से काफी पीछे है.



गौरतलब हो कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स यानी कि एसडीजी रैंकिंग का मूल्यांकन सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का किया जाता है, जिसमें बिहार सबसे पीछे है. रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी कम करने के लिहाज से तमिलनाडु और दिल्ली ने सबसे बेहतर काम किया है. जबकि भूख की समस्या कम करने में केरला और चंडीगढ़ ने अच्छा काम किया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात और दिल्ली का परफॉरमेंस बेस्ट है. क्वालिटी एजुकेशन की बात करें तो केरला और चंडीगढ़ ने सबसे अच्छा काम किया है.


लिंग समानता में छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार और साफ पानी और सफाई में गोवा एवं लक्षद्वीप ने बेहतर काम किया है. स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कई राज्यों ने अच्छी प्रगति की है. आर्थिक वृद्धि में हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का नाम है. इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में गुजरात और दिल्ली, असमानता कम करने में मेघालय औ चंडीगढ़, मत्स्य पालन जैसे काम में ओडिशा का नाम अहम हुआ है. अरुणाचल प्रदेश में रहन-सहन की सुविधा बढ़ी है. न्याय और मजबूत संस्था के क्षेत्र में उत्तराखंड और पुडुचेरी ने अच्छा काम किया है.