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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 27 Jun 2025 07:56:20 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
EC: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश की राजनीतिक व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो पिछले छह वर्षों से पूरी तरह निष्क्रिय हैं। यह फैसला मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने लिया है। इन दलों ने 2019 के बाद से न तो लोकसभा और न ही विधानसभा या उपचुनाव में हिस्सा लिया है। यह पंजीकरण बनाए रखने की अनिवार्य शर्त है।
इन 345 दलों की निष्क्रियता का एक और बड़ा कारण यह है कि इनके कार्यालय भौतिक रूप से कहीं मौजूद नहीं हैं। आयोग की जांच में पाया गया कि ये दल केवल कागजों पर ही दर्ज हैं और इनके दावों का कोई वास्तविक आधार नहीं है। ECI ने सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें। इससे पहले कि अंतिम निर्णय लिया जाए, इन दलों को सुनवाई का मौका दिया जाएगा, ताकि प्रक्रिया में निष्पक्षता बनी रहे।
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में 2,800 से अधिक RUPPs पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से कई दल जरूरी शर्तों को पूरा नहीं कर रहे। आयोग ने पहले भी ऐसी निष्क्रिय पार्टियों को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया को कानूनी रूप से सही नहीं माना था। अब आयोग ने डीलिस्टिंग का नया तरीका अपनाया है, जिसके तहत इन दलों को सूची से हटाया जा सकता है और वे दोबारा पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस कार्रवाई का मकसद उन दलों को हटाना है जो केवल कागजी लाभ, जैसे कि आयकर छूट का उपयोग करते हैं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते। देश में वर्तमान में छह राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तर के मान्यता प्राप्त दल हैं, जबकि निष्क्रिय RUPPs की संख्या काफी अधिक है। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह पहला चरण है और आगे भी ऐसी सफाई प्रक्रिया जारी रहेगी।