DELHI : 16 दिसंबर 2012 को राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप और मर्डर कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 7 साल बीत जाने के बाद अब 22 जनवरी को निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. डेथ वारंट जारी होने के बाद फांसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन तैयारी में जुट गया है.
डेथ वारंट जारी होते ही चारों कैदियों के चेहरे पर मौत का खौफ साफ दिखाई देने लगा है. 7 जनवरी को फैसला आने के बाद चारों के आंखों की नींद उड गई. चारों दोषी रातभर अपनी सेल में कभी टहलते दिखे तो कभी बेड पर करवट बदलते दिखे.
जानकारी के अनुसार फांसी का खौफ इतना है कि दोषियों ने सजा का ऐलान होने के बाद मंगलवार को खाना भी नहीं खाया और ना ही मेडिकल जांच के दौरान लाने पर आपस में बात की. सभी गुमशुम बैठे रहे और समय-समय पर सिर्फ पानी पी. बुधवार को चारों दोषियों ने थोड़ा नाश्ता किया और उसके बाद पवन, मुकेश ने खाना नहीं खाया. बाकी के विनय और अक्षय ने थोड़ा खाना खाया.
बता दें कि दोषी अक्षय, पवन और मुकेश जेल नंबर दो में बंद हैं, जबकि विनय शर्मा जेल नंबर तीन में बंद है. चारों को अलग-अलग सेल में रखा गया है. हर दिन उनके सेल की तलाशी ली जाती है. तिहाड़ जेल सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को जब अदालत ने चारों को डेथ वारंट जारी किया, तो चारों दोषी परेशान हो गए. पवन और अक्षय ने तो खाना भी नहीं खाया. हालांकि, बुधवार को चारों दोषियों ने थोड़ा नाश्ता किया. चारों दोषियों की 22 फरवरी तक हर दिन वजन, हृदय गति सहित अन्य सभी जांच कराई जाएगी.